मानसून सीजन में जंगली जानवरों को शिकारियों से बचाने के लिए वन विभाग ने बढ़ाई चौकसी..

मानसून सीजन में जंगली जानवरों को शिकारियों से बचाने के लिए वन विभाग ने बढ़ाई चौकसी..

हल्द्वानी। मानसून सीजन शुरू होते ही वन विभाग ने सीमांत क्षेत्रों में जंगली जानवरों को शिकारियों से बचाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। तराई पूर्वी वन प्रभाग जिसका क्षेत्रफल हल्द्वानी से लेकर एक और यूपी से लगा है तो वहीं दूसरी ओर इसकी सीमाएं नेपाल से भी लगी हुई है जिसके चलते तराई पूर्वी वन प्रभाग की सुरई, खटीमा और नधौर सहित विभिन्न वन रेंजो में बरसात का सीजन शुरू होते ही अवैध शिकारियों की आवाजाही शुरू हो जाती है। मानसून सत्र में हो रही बरसात के चलते वन क्षेत्र के निचले हिस्सों में पानी भर जाने के कारण जंगली जानवर ऊंचे स्थानों पर चले जाते हैं जिसके चलते शिकारियों को जंगली जानवरों का शिकार करने में आसानी होती है जिसके चलते बरसात का सीजन शुरू होते ही अवैध शिकारियों की गतिविधियां तेज हो जाती है।

तराई पूर्वी वन विभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जंगली जानवरों को शिकारियों से बचाने के लिए तराई पूर्वी वन प्रभाग द्वारा बड़े स्तर पर तैयारियां की गई है। सुरई वन रेंज जो यूपी के पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लगता है में यूपी और उत्तराखंड के वन विभाग अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा संयुक्त मानसून गश्त शुरू कर दी गई है।

नेपाल से सटे खटीमा वन रेंज वन विभाग और बॉर्डर पर तैनात एसएसबी के उच्च अधिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों की मीटिंग कर संयुक्त टीम बनाकर एसएसबी और वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा भी संयुक्त रूप से भारत नेपाल बॉर्डर पर मानसून गश्त की जा रही है नंधौर व अन्य वन रेंजों में भी मानसून गश्त की जा रही है साथ ही जंगलों में जंगली जानवरों की आवाजाही वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर सौ से अधिक कैमरे लगाए जा रहे है ताकि मानसून सत्र में जंगली जानवरों की निगरानी की जा सके साथ ही उन्हें अवैध शिकारियों के चंगुल से बचाया जा सके।

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