कॉर्बेट निदेशक को शासन का नोटिस  

कॉर्बेट निदेशक को शासन का नोटिस  

दून विनर/देहरादून 
कालागढ वन प्रभाग में स्वीकृति से अधिक पेड़ काटने सहित वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति के बिना ही कई निर्माण कार्य कराने के मामले में हुई जांच में शिकायतों को सही पाए जाने के बाद शासन ने नोटिस देकर 15 दिनों में जवाब देने को कहा है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के तहत कालागढ़ वन प्रभाग में अवैध निर्माण और पाखरो में टाइगर सफारी के लिए पेड़ों के अवैध कटान के मामले में शासन ने कॉर्बेट निदेशक राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में अपना जवाब देने को कहा है। नोटिस में कहा है कि ऐसा न करने पर अखिल भारतीय सेवाएं आचरण नियमावली के अंतर्गत अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की ओर से ये नोटिस भेजा गया है।
नोटिस के अनुसार प्रमुख वन संरक्षक की ओर से कराई गई जांच में कंडी रोड निर्माण, मोरघट्टी और पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में भवनों का निर्माण, पाखरो वन विश्राम गृह के समीप जलाशय का निर्माण और पाखरो में प्रस्तावित टाइगर सफारी में पेड़ों के अवैध पातन के कामों में गंभीर प्रशासनिक, वित्तीय विधिक और आपराधिक अनियमितताएं उजागर हुई हैं।
नोटिस में कहा गया है कि जांच समिति की रिपोर्ट में निदेशक को स्वीकृतियों के लिए तय शर्तों का अनुपालन कराने और सीटीआर के टाइगर कंजर्वेशन प्लान के मध्यावधि मूल्यांकन को एनटीसीए को प्रस्ताव भेजने संबंधी कार्यों में लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। निदेशक का इस तरह का आचरण अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमावली के विरुद्ध है।
याद रहे कि इस मामले में अब तक छह जांचें हो चुकी हैं, जिसमें कई अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से हटाया जा चुका है। इस मामले में आरोप हैं कि कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के अंतर्गत पाखरो में टाइगर सफारी के निर्माण के लिए स्वीकृति से अधिक पेड़ काट दिए गए थे। क्षेत्र में सड़क, मोरघट्टी व पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में भवन के अलावा जलाशय का निर्माण कराया गया था। इन कार्यों के लिए वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति नहीं ली गई थी। इस मामले में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की टीम ने स्थलीय जांच की और में शिकायतें सही पाते हुए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की थी।
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