देहरादून। आयुर्वेद विश्वविद्यालय हमेशा से किसी ना किसी विवाद पर चर्चा में रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति व पूर्व कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय मिश्रा का विवाद भी किसी से छिपा नहीं है। ताजा मामला मृत्युंजय मिश्रा को वेतन न देने का है।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय मिश्रा को वेतन न देना आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति को भारी पड़ सकता है। शासन ने कुलपति को कड़ा पत्र जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर मृत्युंजय मिश्रा को वेतन देने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न करने पर कुलपति को कार्रवाई की चेतावनी दी गई है ।
बताते चलें कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ . मृत्युंजय मिश्रा को भ्रष्टाचार के एक मामले में सस्पेंड कर दिया गया था। काफी समय तक जेल में रहने के बाद 20 नवम्बर 2021 को उन्हें बहाल कर दिया गया। शासन में अटैच होने के बाद मृत्युंजय मिश्रा ने सरकार से बहाली के बाद का अपना वेतन मांगा था। जिस पर शासन ने आयुर्वेद विवि को बहाली का वेतन देने के निर्देश दिए थे। लेकिन शासन के आदेश के बावजूद आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने मृत्युंजय मिश्रा को वेतन नहीं दिया है। इस पर अब शासन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए एक सप्ताह के अंदर वेतन देने के निर्देश दिए है।