* पितरों को श्रद्धांजलि देना और उन शहीदों को सम्मान देना है जिन्होंने उत्तराखंड के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। उत्तराखंड आंदोलन एक ऐतिहासिक आंदोलन था: अनिता ममगाईं
* रामपुर तिराहा काण्ड कोई उत्तराखंडी कैसे भूल सकता है ? हम आज उन शहीदों को नमन करते हैं : डीएस गुंसाई
ऋषिकेश। उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानियों की एक बैठक नगर निगम परिसर स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी हाल ऋषिकेश में आहूत की गई। उक्त बैठक में 2 अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा कांड में शहीद हुए राज्य आंदोलन कार्यों को श्रद्धांजलि दी गई।
रामपुर तिराहे कांड में शहीद हुए देहरादून निवासी रविंद्र रावत उर्फ गोलू बालावाला निवासी, सत्येंद्र चौहान बद्रीपुर निवासी, गिरीश भाद्री अजबपुर निवासी, राजेश लखेरा ऋषिकेश निवासी, सूर्य प्रकाश थपलियाल उखीमठ निवासी, अशोक कुमार भानियावाला निवासी, राजेश नेगी सहित सात लोग शहीद हुए। उक्त अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर उनको याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर निवर्तमान महापौर अनिता ममगाईं भी मौजूद रहीं। शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि पितरों को श्रद्धांजलि देना उन शहीदों को सम्मान देना है जिन्होंने उत्तराखंड के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। उत्तराखंड आंदोलन ने एक ऐतिहासिक आंदोलन था।
बैठक में मुख्य रूप से वेद प्रकाश शर्मा, डी एस गुसाईं, गंभीर मेवाड़ ,संजय शास्त्री, विक्रम भंडारी ,इरुक्कम पोखरियाल ,बलवीर सिंह नेगी, गुलाब सिंह रावत ,युद्धवीर सिंह चौहान ,चंदन पवार ,सत्य ज़ख्मोला ,राजेंद्र कोठारी, डीडी पांडे, हरि सिंह नेगी, बृजेश डोभाल, उषा रावत, कुसुम लता शर्मा, उर्मिला डबराल ,जयंती नेगी, चंद्रभा उनियाल, विमला देवी, सुशीला पोखरियाल, सरला नेगी ,प्रेम नेगी, यशोदा नेगी, रविंद्र कौर ,कमला रौतेला, कुंवारा नेगी सहित सैकड़ो लोग मौजूद थे। बैठक की अध्यक्षता वेद प्रकाश शर्मा तथा संचालन चंदन पवार ने किया।