देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि भाजपा में हिम्मत है तो देश में रह रहे 20 करोड़ मुसलमान को भारत से निकाल दे।
उन्होंने कहा भारत में आजादी और आजादी से पहले भी और आजादी के बाद भी हमेशा यह नारा रहा है “भारत मां के चार सिपाही हिंदू मुस्लिम सिख इसाई “।
उन्होंने कहा जब तक यह भाईचारा बना रहेगा तभी इस देश की एकता है तभी इस देश का दुनिया में सम्मान है उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी को अपने नीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ेगा उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज वक्फ कानून लाया गया है यह मुसलमानो के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप है। जिसकी किसी को भी इजाजत नहीं दी जानी चाहिए ।
उन्होंने हालांकि यह कहा कि चाहे हिंदू हो चाहे मुसलमान हो चाहे सिखहो और चाहे इसाई हो। धर्म का दुरुपयोग किसी को भी नहीं करना चाहिए। धर्म तो सच्चाई और अच्छाई का रास्ता बताता है।
उन्होंने कहा कि संसद में कांग्रेस ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और हमारे नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में वक्फ कानून में संशोधन का कड़ा विरोध किया है तो उसके पीछे कोई मुसलमानो के वोट लेने या उनकी हिमायत लेने का मकसद नहीं है ।
सब लोग जानते हैं कि मुसलमान हो या हिंदू भाई हो या सिख हो या ईसाई ही हो वह भारत की रीढ है और अगर रीढ को छेड़ा जाएगा तो इस देश को लकवा मार सकता है।
इसीलिए अच्छा यह है कि हम बड़ा दिल करें और जिस तरह से अजहरुद्दीन और सुनील गावस्कर मिलकर भारत का खाता खोलते थे और देश को आगे बढ़ाते थे और जिस तरह से मोहम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर ने मिलकर इस देश को अपने गानों से सब्जबाग किया, जिस तरह से फिल्म लाइन में एक्टर दिलीप कुमार ने और राजेश खन्ना ने इस देश की फिल्मों को नया रंग दिया उन्हें अदाकारी के नए प्रतिमान स्थापित किया और जिस तरह से की भारत के महान वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम जो भारत के राष्ट्रपति बने और उन्होंने और डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा ने जिस तरह से देश को विज्ञान में अंतरिक्ष तक पहुंचाया। आज इसी तरह के लोगों की देश को जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को अपनी नीति पर विचार करना चाहिए और खास तौर पर भाजपा की जो ऑक्सीजन है जहां से उसको प्राण शक्ति मिलती है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी नागपुर में जो लोग बैठे हैं उनको यह देखना पड़ेगा की 75 करोड़ मुसलमान के दिलो को चोट पहुंचाकर इस देश की आत्मा को शांति नहीं पहुंचाई जा सकती। इस देश में अमन-चैन कायम नहीं रखा जा सकता और भाईचारा भी कायम नहीं रखा जा सकता।