दून विनर /देहरादून। राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन कुछ दिनों से उत्तराखंड राज्य में सियासी गलियारों में एक सवाल बार-बार तैर रहा है वह है अपने तल्ख बयान बाजी से सुर्ख़ियों में बने रहने में माहिर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत। कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही दलों में उत्सुकता है कि हरक सिंह रावत का स्टैंड क्या रहता है।
पिछले दिनों कोटद्वार मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले को लेकर कैबिनेट की बैठक में इस्तीफे की धमकी देकर सुर्खियों में आए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने गुरुवार को प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की। दोनों ही नेताओं के बीच मुलाकात भी चर्चा में है। बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत अपने लिए सुरक्षित सीट के साथ पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के लिए भी टिकट की मांग कर रहे है। वह अपने लिए डोईवाला, यमकेश्वर, केदारनाथ मे से किसी एक सीट पर और पुत्रवधू के लिए लैंसडाउन से टिकट चाहते हैं।
गोपनीय सूत्रों के अनुसार कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पिछले दिनों से ही राज्य की धामी सरकार और बीजेपी आलाकमान से नाराज चल रहे है।
यही वजह है कि अंदर खाने कांग्रेस से भी उनकी बात चल रही है। फिलहाल कांग्रेस हाईकमान इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। कांग्रेस को हरक सिंह रावत का स्टैंड का इंतजार है।
हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि ये हरक सिंह रावत की प्रेशर पॉलिटिक्स है और इसका इस्तेमाल वह अकसर अपने सियासी फायदों के लिए करते रहे हैं। यही कारण है कि अंदर खाने कांग्रेस से भी बातचीत के रास्ते खोले हुए हैं।
राज्य में अब आचार संहिता लग गई है। इसके तुरंत बाद भाजपा, कांग्रेस मे टिकट बंटवारे का काम शुरु हो गया है। हरक सिंह रावत उत्तराखंड सियासत के सबसे बड़े खिलाड़ी हैं, इसलिए दोनों पार्टी की निगाह हरक सिंह रावत पर टिकी हुई है।