सेवा के लिए निस्वार्थ होना परम आवश्यक है:  पंडित बृजेश पाठक

सेवा के लिए निस्वार्थ होना परम आवश्यक है:  पंडित बृजेश पाठक

राजकुमार केसरवानी/हल्द्वानी। केसरवानी परिवार द्वारा विगत वर्षों की तरह इस वर्ष भी जन कल्याण एवं सनातनी लोगो में आपसी भाईचारा और सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा के तीसरे दिन कथा वाचक व्यास पंडित बृजेश पाठक ने कथा के मार्मिक वर्णन में कहा की स्वार्थी की निष्ठा अपने स्वामी में न होकर अपने स्वार्थ की पूर्ति में होती है ऐसा निष्ठा से गिरा हुआ व्यक्ति भला क्या सेवा कर पाएगा, सेवा के लिए निस्वार्थ होना परम आवश्यक है।

उन्होंने कहा जब स्वार्थ के लिए सेवा की जाती है तो वह सेवा व्यापार बन जाती है लेकिन जब भगवान की प्रसन्नता के लिए निष्काम भाव से सेवा की जाती है तो वह पूजा बन जाती है। उसके द्वारा मानव का मन तो निर्मल होता ही है भगवान की प्राप्ति भी हो जाती है। रामायण में लक्ष्मण जी हनुमान जी आदि भक्तों का चरित्र इस बात का प्रमाण है उन्होंने अपनी सेवा के बदले में भगवान राम से कुछ नहीं मांगा। भगवान ने देना भी चाहा तो उन्होंने सेवा के बदले में केवल निष्काम सेवा का वरदान मांगा। रामायण में श्री लक्ष्मण और हनुमान जी सेवा धर्म के आदर्श हैं।

कथा में मुख्य यजमान भोलानाथ केसरवानी, गिरीश केसरवानी रामलाल मानिकचंद्र, भोलानाथ, अशोक कुमार, रामचंद्र, राकेश चंद्र, देवेंद्र कुमार, रोशनलाल, डॉ. चंद्रकांत शर्मा, मंजू, किरन, मीरा, रानी देवी, कुसुमलता केसरवानी सहित सैकड़ों रामभक्त उपस्थित रहे।

श्रीराम कथा प्रति दिन 14 सितंबर से 22 सितंबर तक मध्यान 4:00 बजे से 6:00 बजे तक होगा। केसरवानी परिवार सभी राम भक्तों से कथा श्रवण का लाभ लेने के लिए श्री लटूरिया मंदिर आश्रम बरेली रोड हल्द्वानी में आप सभी को सादर आमंत्रित करते है।

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