हल्द्वानी उप कारागार में एचआईवी संक्रमित मरीज मिलने का मीडिया में चल रही खबरों का जेल प्रशासन ने किया खंडन

हल्द्वानी उप कारागार में एचआईवी संक्रमित मरीज मिलने का मीडिया में चल रही खबरों का जेल प्रशासन ने किया खंडन

हल्द्वानी। हल्द्वानी उप कारागार में एचआईवी संक्रमित 44 मरीजों की संख्या को पूरी तरह से गलत बताते हुए कारागार प्रबंधन ने अपना बयान जारी करते हुए इस खबर को पूरी तरह से निराधार बताया. उप कारागार अधीक्षक हल्द्वानी के अनुसार 8 अप्रैल को विभिन्न समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में यह खबर प्रकाशित एवं प्रसारित की गई कि उप कारागार हल्द्वानी में 44 बंदी एक साथ एचआईवी संक्रमित पाए गए उन्होंने इस खबर को निराधार बताते हुए इसका खंडन किया तथा बताया कि कारागार विभाग में प्रतिदिन आने वाले बंदियों की मेडिकल जांच की जाती है. जिसमें एचआईवी जांच भी सम्मिलित है उप कारागार हल्द्वानी में निरुद्ध बंदी वर्ष विश्व 2019 से वर्ष 2023 की वर्तमान तिथि तक विभिन्न तिथियों में हुई एचआईवी जांच में संक्रमित पाए गए हैं जो बंदी एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं उनमें से अधिकांश बंदी एनडीपीसी एक्ट के तहत कारागार में निरुद्ध है तथा वह स्वयं भी बाहर से ही इंजेक्शन के नशे के आदि रहे हैं समस्त एचआईवी रोग से संक्रमित बंदी डॉक्टर सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी के एआरटी सेंटर में पंजीकृत हैं साथ ही संक्रमित बंदियों को रोग की दवा एआरटी सेंटर द्वारा प्रदान की जाती है जिसका कारागार के चिकित्सा अधिकारी के देखरेख में बंदियों को सेवन कराया जाता है. उप कारागार हल्द्वानी में एचआईवी रोग से ग्रसित समस्त बंदी कारागार में दाखिल होने से पूर्व ही इस रोग से संक्रमित थे जिनकी कारागार में हुई एचआईवी जांच के दौरान वह इस रोग से संक्रमित पाए गए कुछ बंदी कारागार में निरुद्ध होने से पूर्व ही डॉक्टर सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी के एआरटी सेंटर में पंजीकृत थे उन्होंने कहा कि कारागार की अच्छी प्रक्रिया है कि इसमें कैदियों की जांच कारागार में आने पर a.r.t. सेंटर से लिंक करा कर इलाज कराया जा रहा है उप कारागार हल्द्वानी में एक साथ 44 एचआईवी रोग से संक्रमित नहीं हुए हैं यह संख्या समय-समय पर एचआईवी जांच में बंदियों की कुल संख्या है कारागार प्रशासन ने यह खबर का पूरी तरह से खंडन करते हुए कहा कि बीते दिनों चली खबरों में यह खबर सत्य तथा भ्रामक है कारागार प्रशासन इस झूठी खबर का खंडन करता है।

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