भू कानून राजनैतिक मुद्दा नही, बल्कि राज्य की जमीनों को बचाने मे निर्णायक कदम: बहुगुणा

भू कानून राजनैतिक मुद्दा नही, बल्कि राज्य की जमीनों को बचाने मे निर्णायक कदम: बहुगुणा

* भू कानून के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले जमीन बचाने की मुहिम को कर रहे कमजोर

देहरादून। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने भू कानून को राजनैतिक मुद्दा नही, बल्कि देवभूमि का मूल स्वरूप बनाए रखने में निर्णायक कदम है। उन्होंने कहा कि इस कानून का जो लोग राजनैतिक कारणों से विरोध कर रहे हैं वे किसी न किसी रूप मे पहाड़ की जमीनों को माफियाओं के हाथों सौंपने के दोषी रहे हैं।

बहुगुणा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य वासियों की भावना के अनुरूप राज्य की सांस्कृतिक सरंक्षण के लिए सशक्त भू कानून लायी है और यह मुद्दा राजनैतिक विषय नहीं है। राज्य का विकास, समृद्धि और संबर्द्धन भाजपा के एजेंडे का हिस्सा रहा है। प्रदेश के सीमित प्राकृतिक संसाधनों और भूमि को सुरक्षित करने के हमारी सरकारों ने जनभावना के अनुसार निरंतर निर्णय लिए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों ने अपने वोट बैंक को शह और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के लिए भू माफियाओं को बढ़ावा दिया। जिसके चलते लंबे समय से एक सशक्त, व्यापक और प्रभावी भू कानून की जरूरत महसूस की जा रही थी। आज विश्वासपूर्वक कह सकते हैं कि जनसरोकारों की पूर्ति करने वाला भू कानून हम लेकर आए हैं।

उन्होंने कहा कि सभी पक्षों से उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा विस्तृत चर्चा के बाद लाया गया यह कानून जनता की अपेक्षाओं को पूरा करता है। सरकार, सदन और कोर्ट सभी जगह स्पष्ट कर चुकी है कि यह कानून राज्य के भू संसाधनों को बचाने की सिर्फ प्रभावी शुरुआत है और इसमें आगे जो भी बेहतर सुझाव सामने आएंगे उस पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जायेगा। हमारी नीति और नीयत शीशे की तरह साफ है। उत्तराखंड का मूल स्वरूप बचाया जाए और माफियाओं द्वारा डेमोग्राफी बदलने की साजिशों पूरी तरह नकेल कसी जाए इसके सभी प्रावधान भू कानून मे किये गए हैं। जहाँ तक कांग्रेस का सवाल है तो वह युवाओं के भविष्य को सरंक्षित करने वाले नकल विरोधी कानून, लैंड जिहाद, लव जिहाद और महिलाओं को अधिकार देने वाले कानून का भी विरोध करते रहे है। कांग्रेस के तुष्टिकरण के राग को जनता को जानती है।

उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये लोग कभी पहाड़ की जमीनों को बचाने के पक्ष में नहीं रहे। उन्होंने हमेशा राज्य में भू माफियाओं को पनपाने का पाप किया। सिर्फ राजनीतिक मकसद से कांग्रेस इस पूरे मुद्दे पर लगातार राजनीति कर रही है। ऐसे में जब सरकार ने इस कानून को बनाकर, सदन से पास कराया तो इनको अपने हाथ से यह मुद्दा निकलते दिख रहा है और वह सरकार के हर फैसले का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस सहित विपक्षी इस मुद्दे पर भ्रम और झूठ फैला रहे हैं ताकि पहाड़ की जमीनों को बचाने की मुहिम को कमजोर किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग उत्तराखंडियत की बात कर इस पर उंगली उठा रहे हैं, उनका राज्य निर्माण के विरोध में हाथ उठाने का इतिहास रहा है।

उन्होंने इस पूरे मुद्दे पर सुझाव दिया कि राजनीतिक कारणों से कमी निकालने के बजाय, इसको अधिक सशक्त करने के लिए सकारात्मक सुझाव सामने लाने की जरूरत है।

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