देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा सरकार अपनी नाकामियों और विफलताओं को छुपाने के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। इतना ही नहीं, प्रदेश सरकार और उसके नेताओं पर नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने का गंभीर आरोप भी लगा है। यह कहना है प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और जनपद उत्तरकाशी के प्रभारी सूर्यकांत धस्मानाका।
अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए धस्माना ने कहा, उत्तरकाशी की शांत वादियों को जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव में झोंका जा रहा है। पहले पुरोला में फर्जी मामला बनाकर माहौल खराब किया गया और अब दशकों पुरानी मस्जिद का मुद्दा उठाकर प्रदेश के सौहार्द को नष्ट करने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उत्तरकाशी की महापंचायत में भाजपा के विधायकों ने भाषण देकर आग में घी डालने का काम किया। यह कदम उच्च न्यायालय के आदेशों और सरकार के ही हलफनामे का उल्लंघन है, जिसमें महापंचायत की अनुमति न देने की बात कही गई थी।
भाजपा नेताओं का संरक्षण
धस्माना ने कहा कि इन सांप्रदायिक घटनाओं में शामिल तत्वों को भाजपा सरकार और उसके नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। सरकार ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें महापंचायत आयोजित करने की खुली छूट दी, जिससे उनकी मंशा साफ हो जाती है। यह प्रदेश के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की सोची-समझी साजिश है।
विकास के मुद्दों से भटक रही सरकार
धस्माना ने भाजपा सरकार पर विकास, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। प्रदेश के अहम मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय भाजपा के नेता लव जिहाद, लैंड जिहाद और थूक जिहाद जैसे विवादित विषयों को हवा देकर प्रदेश का माहौल खराब कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इस राजनीति की घोर निंदा करती है।
जनता से अपील और सरकार को चेतावनी
धस्माना ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे ऐसी साजिशों से सावधान रहें और शांति बनाए रखें। साथ ही उन्होंने सरकार को चेतावनी दी, “अगर प्रदेश का माहौल बिगाड़ने वाले तत्वों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर जनता के हितों के लिए संघर्ष करेगी।”
हाई कोर्ट की अवहेलना पर कौन देगा जवाब?
धस्माना ने कहा कि भाजपा सरकार और उसके नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद महापंचायत आयोजित होने का जिम्मेदार कौन है। यह सरकार की मंशा पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। जनता को इसका जवाब चाहिए।
यह बयान उत्तराखंड की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है। भाजपा सरकार पर लगे ये आरोप न केवल उसकी कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हैं, बल्कि प्रदेश की शांति और विकास को लेकर गंभीर चिंताओं को उजागर करते हैं।