देहरादून। भाजपा ने धामी सरकार द्वारा अनेकों स्थानों के नाम परिवर्तन का पुरजोर समर्थन किया है। प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने गुलामी और अत्याचार दर्शाने वाले प्रतीकों को जनभावना और समृद्ध विरासत के अनुसार बदलने को जरूरी बताया है।
वहीं कांग्रेस के विरोध पर तंज किया कि उन्हें विदेशी आक्रांताओं के नाम और भाजपा को राष्ट्रभक्तों एवं संस्कृति के नामों से प्रेम है। उन्होंने राज्य के 4 जिलों में 17 स्थानों के नाम परिवर्तन को जनभावनाओं के अनुरूप बताते हुए स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से जनता द्वारा इन स्थानों के नामों को राष्ट्रभक्तों और सांस्कृतिक एवं विरासत की पहचान से जोड़ने की मांग की जा रही थी।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के विचार और सिद्धांत भी देश की संस्कृति, सुरक्षा और सम्मान के पुरोधाओं की पहचान को आगे बढ़ाने वाले हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी ने जन इच्छा का सम्मान और देवभूमि के स्वरूप को ध्यान में रखते हुए ये जरूरी बदलाव किए हैं। जो अपने आप में जरूरी था और इसके लिए समूची धामी सरकार की प्रशंसा होनी चाहिए।
उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया कि जाने क्यों उनके नेताओं को हर अच्छे काम का विरोध करना जरूरी लगता है। यदि जनता को लगाया है उनके क्षेत्र को किसी विदेशी आक्रमणकारी, आतताई, राष्ट्र या संस्कृति विरोधी व्यक्ति के नाम से नहीं पहचाना जाए तो उनकी भावनाओं का सम्मान करना सरकार का दायित्व है। हमे जनता ने चुना है उनकी भावनाओं के अनुसार प्रदेश हित में निर्णय लेना भी जरूरी है। लिहाजा कांग्रेस को भी अपने विपक्ष की भूमिका का सकारात्मक उपयोग करना चाहिए। ऐसे में राजनैतिक दृष्टि से सिर्फ विरोध के लिए किए जा रहे ऐसे विरोध को किसी भी तरह से जायज नही ठहराया जा सकता है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ऐसे तमाम स्थानों के नाम बदलने पर किसी को आपत्ति नहीं है, खासकर जिस समुदाय को खुश करने के लिए कांग्रेस विरोध कर रही है उनको भी नहीं। वहीं पलटकर सवाल किया कि यदि देवभूमि में देश, संस्कृति और राष्ट्र सम्मान से जुड़े ऐसे नाम नहीं रखे जा सकते हैं तो कहां रख रख सकते हैं? वहीं उन्होंने स्पष्ट किया कि आगे भी जहां जहां जरूरत होगी, नाम परिवर्तन की कार्यवाही होती रहेगी।