दून विनर /देहरादून। इस बार नरेंद्रनगर विधानसभा में प्रमुख दल कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए ओम गोपाल रावत और बीजेपी प्रत्याशी कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल फिर एक बार आमने सामने हैं।
गौरतलब है कि ओम गोपाल रावत पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी में सुबोध उनियाल से मात खा गए थे। भाजपा ने पार्टी मे आए कांग्रेस के विद्रोही गुट के सदस्य सुबोध उनियाल को नरेन्द्र नगर से प्रत्याशी बनाया। वही ओम गोपाल रावत ने भी भाजपा से विद्रोह कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा पर वे चुनाव हार गए।
मोदी लहर के बीच हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुबोध उनियाल को 24104 मत मिले, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी ओम गोपाल रावत को 19132 मत प्राप्त हुए। वहीं काग्रेस के हिमांशु बिजल्वाण को मात्र 4328 मत मिले।
इससे पूर्व वर्ष 2012 के चुनाव में भाजपा ने ओम गोपाल रावत को प्रत्याशी बनाया था। तब वे कांग्रेस प्रत्याशी सुबोध उनियाल से मात्र 401 मतों के अंतर से चुनाव हार गए।
वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में यूकेडी के टिकट पर चुनाव लड़कर ओम गोपाल रावत ने कांग्रेस प्रत्याशी सुबोध उनियाल को मात्र 4 मतों के अंतर से मात दी थी।
नरेन्द्र नगर सीट पर युवा वर्ग में राज्य आंदोलनकारी ओम गोपाल रावत के काफी समर्थक हैं। जातीय समीकरणों के लिहाज से भी उनकी स्थिति इक्कीस हैं। वहीं सुबोध उनियाल भी क्षेत्र में विकास कार्यों और जीवंत जनसंपर्क के चलते काफी मजबूत आधार रखते हैं। यही वजह रही है कि दोनों के बीच चुनावों में मुकाबला कांटे का रहा है। दोनों के बीच अब तक हुई तीन चुनावी भिड़तों में से पिछले दो चुनावो में सुबोध उनियाल भारी सिद्ध जरूर हुए हैं, पर ओम गोपाल रावत का भी समर्थन कमजोर नहीं हुआ है। ऐसे में नरेंद्र नगर विधानसभा सीट एक हॉट सीट बन चुकी है। इस सीट पर नेट टू नेट फाइट होने की संभावना है।