सड़क हादसों में भारत में एक साल में डेढ लाख व्यक्तियों की मौत, उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं में 16 साल में 14 हजार से ज्यादा जानें गई

सड़क हादसों में भारत में एक साल में डेढ लाख व्यक्तियों की मौत, उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं में 16 साल में 14 हजार से ज्यादा जानें गई

दून विनर संवाददाता/देहरादून
उत्तराखंड स्टेट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की 5 फरवरी 2022 को अपडेट की गई वेबसाइट में बताया गया है कि वर्ष 2020 में उत्तराखंड में 1041 सड़क दुर्घटनाओं में 674 लोग मौत के शिकार हो गए और 854 व्यक्ति घायल हुए। वर्ष 2019 में कुल 1352 सड़क दुर्घटनाओं में 867 लोग कालकवलित हुए जबकि 1457 व्यक्ति घायल हुए। इन आंकड़ों से पता चल रहा है कि वर्ष 2005 से वर्ष 2020 तक 16 साल में उत्तराखंड में 22,898 सड़क दुर्घटनाएं हुई और इनमें 14,281 लोगों की मौत हुई। हर साल औसतन 893 व्यक्ति सड़क दुर्घअनाओं में असमय ही मौत के मुंह में चले जाते हैं।
इन दुर्घटनाओं में सैकड़ों परिवार दुख-दर्द से गमगीन हुए हैं और एकमात्र कमाऊ सदस्य की मौत या स्थाई तौर पर अपंग होने से कई परिवार आर्थिक रूप से बरबादी की हालत में जा रहे हैं। देश और समाज के लिए बड़ी सामाजिक और आर्थिक क्षति अलग हो रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड में वर्ष 2020 में सड़क, रेलवे व रेलवे क्रोसिंग दुर्घटनाओं में 700 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। अकेले सड़क दुर्घटनाओं में 693 लोग मारे गए जिनमें से 604 पुरुष व 89 महिलाएं थीं।

देश में दो पहिया वाहनों में हुई सर्वाधिक दुर्घटनाएं
वर्ष 2020 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के डेटा बताते है कि पूरे देश में साल 2020 में 3,68,828 यातायात दुर्घटनाएं रिकार्ड की गई। इनमें 1,46,354 लोगों की जान चली गई। सड़क दुर्घटनाएं इन मौतों के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार रही। 3,54,796 सड़क दुर्घटनाओं में 1,33,201 लोगों की मौत हुई जो यातायात दुर्घटनाओं की कुल मौतों का 91 प्रतिशत है। इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की संख्या भी 3,35,050 रही जो काफी ज्यादा है। 43.6 प्रतिशत दुर्घटना दो पहिया वाहनों, 13.2 प्रतिशत कार, 12.8 प्रतिशत ट्रक/लॉरी और सबसे कम 3.1 प्रतिशत बस दुर्घटनाएं हुई। रेलवे क्रोसिंग पर 1014 दुर्घटनाओं में 1185 मौतें हुई और 13018 रेल दुर्घटनाओं में 11968 अभागों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

सड़क दुर्घटनाओं के लिए ओवर स्पीडिंग बड़ी वजह
सड़क दुर्घटनाओं में 59.6 प्रतिशत का क्षेत्र ग्रामीण इलाका और शेष 40.4 प्रतिशत रोड एक्सीडेंट शहरी इलाकों में हुए। जहां तक दुर्घटना के कारणों की बात है इसमें ओवर स्पीड और खतरनाक ड्राइविंग मुख्य चिंता के कारक बन कर आए हैं। नेशलन क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 60.6 प्रतिशत
सड़क दुर्घटनाएं ओवर स्पीडिंग के कारण हुई, जिसमें 75,333 लोग मौत के मुंह में चले गए, वहीं 2,09,736 व्यक्ति घायल हुए। खतरनाक तरीके से/लापरवाही से ड्राइविंग और ओवर टेfकंग की वजह से 24.3 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हुई जिनमें 35,219 व्यक्तियों की मौत हो गई और 77,067 लोग घायल हुए। बहुधा खराब मौसम को दुर्घटनाओं के लिए बड़ा जिम्मेदार समझा जाता है पर आंकड़े कहते हैं कि वर्ष 2020 में खराब मौसमकेवल 2.4 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं की वजह रहा था। एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि भारत में ज्यादातर यातायात दुर्घटनाएं जनवरी(41,199) और फरवरी(40,012) के दौरान हुई। इसी तरह शाम 6 बजे से लेकर तीन घंटे की अवधि के कालखंड में रात्रि 9 बजे के बीच ज्यादातर ट्रेफिक एक्सीडेंट हुए हैं।
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