देहरादून। उत्तराखंड में महिला सम्बन्धी अपराधों में और अधिक प्रभावी कार्यवाही, विवेचना एवं दोषियों को सजा दिलाने का प्रतिशत बढाये जाने हेतु पुलिस मुख्यालय में आज एक दिवसीय राज्य स्तरीय Online Short Duration Workshop on Crime Against Women का आयोजन किया गया । जिसमें जनपदों में नियुक्त पर्यवेक्षण अधिकारियों (अपर पुलिस अधीक्षक/ पुलिस उपाधीक्षक) एवं अपर उनि. रैंक से निरीक्षक रैंक तक के 310 पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया ।
कार्यशाला के दौरान सीडीटीआई चण्डीगढ़ एवं अन्य अधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षण अधिकारियों/ विवेचकों को महिला पीडितों के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जाए और किस प्रकार का व्यवहार न किया जाये के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी । साथ ही किसी अपराध पीडिता को पूर्ण न्याय दिलाये जाने हेतु अन्य सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित कर उनको सहयोग प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी । इसके अतिरिक्त महिला सम्बन्धित अभियोगों की विवेचना में और अधिक गुणवत्ता लाये जाने हेतु विधिक प्रक्रिया, विवेचना में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग, विवेचना के दौरान भौतिक/ फारेंसिक साक्ष्य संकलन एवं परीक्षण हेतु एफएसएल भेजने हेतु प्रक्रिया, महिला अपराधों से सम्बन्धी प्रावधानों में अध्यावधिक संशोधन एवं सम्बन्धित केस लॉ आदि की जानकारी प्रदान की, महिला पीडितों के पुनर्वास हेतु महिला कल्याण विभाग द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए विस्तृत व्याख्यान दिया गया।
कार्यशाला के दौरान श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड, श्री ए.पी.अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, सुश्री पी.रेणुका देवी, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, डॉ. साहिल अरोड़ा, उप प्रधानाचार्य, सीडीटीआई चण्डीगढ़, सुश्री पूजा, पुलिस उपाधीक्षक, सीडीटीआई चण्डीगढ़, डॉ. मनोज अग्रवाल, डिप्टी डायरेक्टर, एफएसएल देहरादून, सुश्री ऋचा, अभियोन अधिकारी, अभियोजन निदेशालय एवं डॉ. अंजना, निदेशालय महिला कल्य़ाण विभाग, उत्तराखण्ड एवं अन्य पुलिस अधिकारी/ कर्मचारीगण मौजूद रहे।