देहरादून। भाजपा ने कांग्रेस विधायकों से जनहित में विधानसभा प्रवर समिति की बैठक शामिल होने का आग्रह किया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा है कि निकाय चुनावों और ओबीसी आरक्षण को लेकर विपक्ष को गंभीरता दिखाने की जरूरत है।
उन्होंने प्रवर समिति की पहली बैठक से कांग्रेस विधायकों के नदारद रहने पर चिंता जताई है। साथ ही निकाय चुनावों और उसमे ओबीसी प्रतिनिधित्व को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है। उन्होंने तंज किया कि कांग्रेस सार्वजनिक मंचों पर निकाय चुनाव नही करने के झूठे आरोप सरकार पर लगाती रहती है। लेकिन अफसोस इस मुद्दे पर गठित प्रवर समिति की बैठक में उनके विधायकों ने शामिल होना भी जरूरी नहीं समझा। यदि उन्हें कुछ भी आपत्ति है तो उन्हें अपनी पार्टी का पक्ष रखने के लिए सामने आना चाहिए था।
उन्होंने आरोप लगाया कि दरअसल कांग्रेस पार्टी नही चाहती है, ओबीसी समाज का आरक्षण निर्धारण हो। वह राजनैतिक लाभ के लिए निकाय चुनाव के गंभीर मुद्दे पर गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखा रही है। हकीकत यह है कि कांग्रेस पार्टी ओबीसी आरक्षण के खिलाफ है, वह नहीं चाहती समाज के पिछड़े वर्ग को निकाय चुनाव में उनका प्रतिनिधित्व मिले। उनकी जल्दी चुनाव कराने की मांग के पीछे की असल मंशा एक बड़े वर्ग को जनप्रतिनिधित्व की भूमिका से अलग करना है। जबकि भाजपा ने इस विषय को गंभीरता से देते हुए एकल सदस्यीय आयोग बनाया, उस आयोग की विस्तृत रिपोर्ट को सदन में रखा। जहां सदन की सहमति से बनी प्रवर समिति की बैठक में भी हमारे विधायक चर्चा के लिए उपस्थित रहे । वहीं कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है और उनके लिए यह पूरा विषय राजनीतिक है । जनता देख रही है कि वे संवैधानिक संस्थाओं एवं प्रक्रियाओं को लेकर झूठे आरोप तो लगाते हैं लेकिन कभी इस मुद्दे पर सकारात्मक रुख नही दिखाया, हमेशा उसका दुरुपयोग करने की कोशिश में लगे रहे।
उन्होंने आग्रह किया कि अभी भी एक अवसर है कांग्रेस के सामने, 24 सितंबर को होने वाली प्रवर समिति की दूसरी बैठक में अवश्य भाग लेना चाहिए। उन्हें मुद्दे की गंभीरता को समझना चाहिए कि समिति को 8 अक्तूबर तक रिपोर्ट सौंपनी है। लिहाजा दलगत राजनीति को दरकिनार कर जनहित मे कांग्रेस पार्टी को पूरी गंभीरता दिखानी चाहिए।