* ऑपरेशन सिंदूर सफल, टॉप आतंकी कमांडरों को उनके घर में किया दफन : भट्ट*
* भारत की ताबड़तोड़ सैन्य कार्रवाई से ही पाक आया घुटनों पर : भट्ट
* 71 के बाद सीमापार का साहस नहीं करने वाले, सैन्य उपलब्धि पर उठा रहे हैं सवाल : भट्ट
देहरादून। भाजपा ने पाक द्वारा मांगे, सीज फायर को भारतीय सेना की जीत और पाक के साथ संबंधों की नई एवं कड़ी शुरुआत बताया है। प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा, हमने ऑपरेशन सिंदूर से टॉप आतंकियों को उनके घरों में दफन किया और पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान ध्वस्त कर उन्हें रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक क्षति पहुंचाई है। वहीं सैन्य कार्रवाई की उपलब्धि पर सवाल खड़ा करने वालों को आइना दिखाया कि 71 के बाद तो अधिकांशत कांग्रेस की सरकार ही देश में रही और सबसे अधिक आतंकवादी घटनाएं भी हुई लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक तो दूर, कभी कोई छोटी सी कार्रवाई का साहस भी जुटा नहीं पाए।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, पीएम मोदी के निर्देश पर भारतीय सेना, ऑपरेशन सिंदूर का लक्ष्य हासिल करने में पूरी तरह सफल हुई है। जिसमें सीमापार 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सैकड़ों आतंकियों और उनके 5 टॉप कमांडरों को उनके अंजाम तक पहुंचाया गया है। प्रतिक्रिया में पाकिस्तान के जितने भी ड्रोन और मिसाइल भारतीय आसमान में आए उन्हें जमीन पर उतरने से पहले ही ध्वस्त कर दिया गया। उनकी इस हिमाकत का जवाब हमारी सेनाओं ने पाक के 6 एयर बेस तबाह कर दिए, एयर डिफेंस बर्बाद किया, लड़ाकू विमान जमींदोज किए। हमारी सेनाओं के हमले और सरकार की कूटनीतिक से मात्र 72 घंटे में पाकिस्तान घुटनों पर आया और सीजफायर की मांग की। जिसे स्वीकार करने से पहले ही, भारत सरकार ने अपनी नीतियों में बड़ा बदलाव किया और भविष्य में आतंकी हमलों को जंग मानकर कार्रवाई की नई नीति घोषित की।
उन्होंने कहा, भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में पाकिस्तान के साथ संबंधों के नियमों को हमने फिर से लिखा है। भारत ने रणनीतिक संकल्प के साथ पाकिस्तान के परमाणु बम की गीदड़भभकियों का जवाब दिया। लाहौर से रावलपिंडी तक पाकिस्तानी सैन्य क्षेत्रों में अंदर तक हमला कर अपनी पहुंच का अहसास कराया है। हमने बता दिया है, पाकिस्तान का एक एक इंच भूभाग भारत की पहुंच से बाहर नही है और आतंकी जिस कोने में पनपेंगे वहीं मार गिराएंगे। सरकार ने सिंधु जल संधि को रोककर पाकिस्तान को आर्थिक रूप से पंगु बना दिया गया है। इसी तरह भारत ने कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया है, जिससे वैश्विक स्तर पर उसके आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र का पर्दाफाश हो गया है।
उन्होंने कांग्रेस नेताओं के 71 की वॉर और इंदिरा गांधी को जोड़ते हुए दिए बयानों को सच से मुंह फेरने वाला बताया। वहीं पलटवार किया कि 71 के बाद कांग्रेस की ही सरकार अधिकांशत देश रही है। तब मुंबई, दिल्ली, बनारस, लखनऊ, सूरत, अहमदाबाद, जयपुर, बंगलौर कोई बड़ा शहर नहीं बचा था आतंकी हमलों से। ट्रेन, बस, कार, हवाई अड्डे, कोर्ट, शॉपिंग मॉल कोई ऐसा सार्वजनिक स्थान आतंक से अछूता नहीं रहा, हर जगह लिखा होता था छूना नहीं बम हो सकता है। लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने जुबानी जमाखर्च के अलावा कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। समूचा कश्मीर इनके चलते कत्लेआम से हिंदू विहीन हो गया। मुंबई हमले को लेकर स्वयं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तो अपनी बायोग्राफी में लिखा कि तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने स्वीकारा, भाजपा को फायदा मिलता इसलिए हमने तब पाक पर सैन्य कार्रवाई नहीं की।
हैरानी है कि कायरों की भांति सरकार चलाने वाली कांग्रेस, हमारी सरकार पर कमतर कार्रवाई करने के आरोप लगा रही है। जबकि 2014 में पीएम बनने के बाद मोदी के नेतृत्व में देश में आतंकवाद की कमर तोड़ दी गई है। इसी क्रम में पुलवामा और उरी की दो बड़ी घटनाओं के बाद सीमा पार पाकिस्तान में दो बार स्ट्राइक की गई और अब पहलगाम के बाद तो सभी बड़े आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया है।
दरअसल सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस का लड़ाई में साथ देने की बात करना ही ढोंग था। जबकि जो बयान आज सैन्य उपलब्धि को कमतर साबित करने लिए दिए जा रहे हैं वहीं कांग्रेस पार्टी का असली राष्ट्र विरोधी चेहरा है। देश की जनता यह सब देख रही है और वह हर निर्णय में पूरी तरह से मोदी और बहादुर सेना के साथ है।