प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देश के किसी भी हिस्से में रैली हो और उनके डाइ हार्ड फैन श्रवण साह न पहुंचे ऐसा भला कैसे हो सकता है। उत्तराखंड के हल्द्वानी में आयोजित पीएम मोदी की रैली में भी श्रवण अपने बजरंगबली वाले परिधान में पहुंचे। हजारों की भीड़ में लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनें। साथ सेल्फी लेने के लिए लोग बेताब दिखे। आखिर कौन हैं श्रवण साह जो पीएम मोदी की सभी रैलियों में बजरंगबली का भेष धरकर पहुंच जाते हैं। जनसैलाब में अपनी छाप छोड़कर अगली रैली के रवाना हो जाते हैं, जलिए जानते हैं।श्रवण साह पन्हंस, सुहिरद नगर जिला बेगुसराय बिहार के निवासी हैं। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तकरीबन सभी रैलियों में पहुंचतेे हैं। पीएम के इतने बड़े प्रसंशक हैं कि उनकी कोई भी जनसभा को नहीं छोड़ते। बिहार से हल्द्वानी पहुंचने में उन्हें नौ दिन लग गए। हाथ में गदा थामकर वह मोदी के नारे लगाते रहेे। इस दौरान लोगों ने उसके साथ सेल्फी भी खिंची। श्रवण बताते हैं कि पीएम मोदी जैसा प्रधानमंत्री देश में अब तक नहीं हुआ है। उन्होंने दुनियाभर में देश की प्रतिष्ठा का स्थापित की है। उनके नेतृत्व में भारत अपने वैभव को पुन: हासिल कर रहा है।श्रवण साह पीएम मोदी के साथ खुद का संबंध भगवान और भक्त का बताते हैं। वह मोदी को भगवान राम के रूप में पूजते हैं और खुद को उनका भक्त हनुमान बताते हैं। श्रवण कहते हैं कि भगवान और भक्त के रिश्तों में प्रेम का अहम स्थान होता है। मैं पीएम के दर्शन कर और उनको साक्षात देखकर खुद का धन्य समझा हूं।
तकरीबन उनकी सभी रैलियों में पहुंचने को कोशिश करता हूं। मुझे ठीक ठीक तो याद नहीं लेकिन जल्द ही उनकी रैलियों में मेरे पहुंचने का आंकड़ा सौ के करीब हो जाएगा। 2014 के बाद से मैं उनकी 90 से अधिक रैलियों में शिरकत कर चुका हूं। यह निरंतर जारी है।पीएम मोदी की सभी रैलियों में राम भक्त हनुमान के भेष में पहुंचने वाले श्रवण साह बरबस ही सबका ध्यान अपनी ओर खींच लेते हैं। बताते हैं कि पीएम की रैलियों में पहुंचने के लिए वह किसी से कोई आर्थिक मदद भी नहीं लेते हैं। उनके दाहिने हाथ में गदा होता है बाएं में तिरंगा और गले में मोदी जी की फोटो। माथे पर वह भाजपा के प्रतीक चिन्ह कमल की पगड़ी पहनते हैं। इसके अलावा चेहरे से लेकर पूरे शरीर को गेरुआ रंग में रंगे होते हैं। श्रवण ने बतया कि अब वह वापस बिहार लौट जाएंगे।क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के फैन सुधरी चौधरी भी बिहार के मुजफ्फरपुर से हैं। सचिन के प्रति उनकी दीवानगी की शुरुआत 2002 में हुई जब पहली बार मुंबई में वह सचिन से मिले थे। सचिन ने उन्हें मैच के पास दिये और तब से शुरू हुआ सिलसिला सचिन के आखिरी मैच तक जारी रहा। सुधीर अपना पूरा शरीर पेंट कराकर सचिन के सभी मैचों में पहुंचते रहे। लेकिन श्रवण साह अपने खुद के ही खर्चे पर पीएम की रैलियों में पहुंचते हैं। कहते हैं पैसे हों न हों भगवान से जब मिलना होता है तो भक्त पहुंच ही जाता है।