राजकुमार केसरवानी/हल्द्वानी। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की 2 दिसम्बर को होने वाली महापंचायत की तैयारी जोरों पर है।आज जत्थे गांव-गांव रवाना हो गए हैं। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की बैठक डॉक्टर चंद्र शेखर तिवारी की अध्यक्षता मे संपन्न हुई। बैठक मे मंच मे जिलाधिकारी द्वारा एक तरफा निर्णय लेकर रिसीवर नियुक्ति करने को गैर कानूनी बताया है, कहा कि जब पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच संचालन मंडल मे कोई विवाद नही है, किसी गैर कानूनी संस्था द्वारा आपत्ति पर निर्णय लेना गलत है। संस्थापक सदस्य हुकम सिंह कुंवर ने कहा है कि 1982 से संस्था सरकार की सहमति से इस भूमि पर अपना कार्य कर रही है। सरकार को इस पर कभी कोई आपत्ति नहीं है। जांच रिपोर्ट के बाद सरकार ने 2006 मे उक्त जमीन 90 साल की लीज पर पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच को दी थी, जो लोग 1918 का हवाला देकर विवाद पैदा कर रहे है उनको पता होना चाहिए कि आज भी हाईकोर्ट नैनीताल की डबल बेंच मे मामला विचाराधीन है, जो लोग विवाद खड़ा कर रहे हैं उनका इस भूमि व मंच से कुछ लेना देना नही है। उन्होंने कहा 1982 उक्त भूमि आंदोलन मे उन्होंने 127 लोगों के साथ जेल गए थे, बिगत 40 साल से वहां पर पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच पर्वतीय संस्कृति को बढावा देने के कार्यक्रम संचालन कर रहे है। 8 जनवरी से 15 जनवरी तक उतरायनी मेला कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
आज प्रचार प्रसार के लिए गांव गांव जाने वाले जत्थों को पूर्व विधायक नारायण पाल ने हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर पाल ने कहा वह पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के साथ हमेशा खड़े थे और रहेगें।
बैठक में हेमंत बगड़वाल, हेम पाठक, सुशील भट्ट, कमल जोशी, विनय कुमार आर्या, शोभा बिष्ट, मधु सांगुडी, भुवन जोशी, दीवान सिंह खनी, आनंद सिंह, बी डी पाठक, लीला पांडे, मोहनी रावत, गोपाल बिष्ट, राम सिंह बसेरा, एनबी गुणवंत, वीरेंद्र गुप्ता, नरेश अग्रवाल आदि अनेक लोग शामिल थे।