दून विनर संवाददाता
अंतरिम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में बतौर नेता विधायक दल उनके नाम पर मोहर लगने के बाद यह तय हुआ है। हालांकि खटीमा से चुनाव हारने के बाद धामी इस वक्त विधायक बनने से वंचित रह गए हैं ऐसे में मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होने के बाद छह महीने के भीतर उन्हें अनिवार्य तौर पर विधानसभा की सदस्यता हासिल करनी होगी। देहरादून में आज हुई इस बैठक में बतौर पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सांसद मीनाक्षी लेखी मौजूद रहे। सूत्रों अनुसार शपथ ग्रहण समारोह करनी अनिवार्य है। उन्हें पुनः प्रदेश की नई सरकार के कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दे रही भाजपा ने इस बार उत्तराखंड विधानससभा चुनाव में 47 सीटें जीतकर मतदान के बाद सत्ता में वापसी के लिए जश्न के मूड में दिखी कांग्रेस को केवल 19 सीटों पर ही सीमित कर जबर्दस्त धक्का पहुंचाया है, परन्तु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हार ने भाजपा को भी बगैर जख्म के नहीं रहने दिया। मुख्यमंत्री की हार से भाजपा हाईकमान की कसरत इस कदर उलझ चुकी है कि वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल की अवधि पूरी होने के तीन दिन पहले तक मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस की हालत बनी हुई है। भाजपा के बेकरार हुए कई विधायक मुख्यमंत्री का नाम जानने के लिए मीडिया वालों की भी थाह ले रहे हैं। पार्टी के नेताओं के साथ मीडिया को भी कयास लगाते आज नौवां दिन हो गया है पर फिर भी दिल्ली के दरबार से कोई पक्की खबर नहीं आई। अब कहा जा रहा है कि 20 मार्च को देहरादून में विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री को लेकर निर्णय होगा। जब विधायकों की आम सहमति से मुख्यमंत्री के लिए नाम तय होना है तो ये बैठक होली से पहले भी की जा सकती थी, हालांकि ये छुपी बात नहीं रह गई है कि मु मार्च को होगा जिसमें मुख्यमंत्री के साथ ही मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी। पार्टी पूत्रों का कहना है कि शपथ ग्रहण कार्यक्रम को भव्य रूप दिया जाएगा जिसमें भाजपा के केन्द्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, कई केन्द्रीय मंत्री और भाजपा सरकारों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस खत्म होने के बाद पिछले दस दिनों से लगाए जा रहे कयासों को भी विराम मिल गया है, हालांकि मंत्रियों के चयन को लेकर अभी अटकलबाजियों का बाजार गर्म रहने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि
मुख्यमंत्री के लिए चली रेस में पुष्कर सिंह धामी ने प्रेम चंद अग्रवाल, सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, अनिल बलूनी से आगे निकलते हुए सभी को मात दी है। धामी के नेतृत्व में भाजपा को मिली जबर्दस्त जीत और उनकी विवादों में न उलझकर समन्वय की शैली से जहां पार्टी हाईकमान संतुष्ट बताया जा रहा है, वहीं युवा धामी की दावेदारी को संघ की पृष्ठभूमि के साथ भाजपा के खांटी नेता और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के वरदहस्त ने भी मजबूती दी है।
अंतरिम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में बतौर नेता विधायक दल उनके नाम पर मोहर लगने के बाद यह तय हुआ है। हालांकि खटीमा से चुनाव हारने के बाद धामी इस वक्त विधायक बनने से वंचित रह गए हैं ऐसे में मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होने के बाद छह महीने के भीतर उन्हें अनिवार्य तौर पर विधानसभा की सदस्यता हासिल करनी होगी। देहरादून में आज हुई इस बैठक में बतौर पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सांसद मीनाक्षी लेखी मौजूद रहे। सूत्रों अनुसार शपथ ग्रहण समारोह करनी अनिवार्य है। उन्हें पुनः प्रदेश की नई सरकार के कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दे रही भाजपा ने इस बार उत्तराखंड विधानससभा चुनाव में 47 सीटें जीतकर मतदान के बाद सत्ता में वापसी के लिए जश्न के मूड में दिखी कांग्रेस को केवल 19 सीटों पर ही सीमित कर जबर्दस्त धक्का पहुंचाया है, परन्तु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हार ने भाजपा को भी बगैर जख्म के नहीं रहने दिया। मुख्यमंत्री की हार से भाजपा हाईकमान की कसरत इस कदर उलझ चुकी है कि वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल की अवधि पूरी होने के तीन दिन पहले तक मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस की हालत बनी हुई है। भाजपा के बेकरार हुए कई विधायक मुख्यमंत्री का नाम जानने के लिए मीडिया वालों की भी थाह ले रहे हैं। पार्टी के नेताओं के साथ मीडिया को भी कयास लगाते आज नौवां दिन हो गया है पर फिर भी दिल्ली के दरबार से कोई पक्की खबर नहीं आई। अब कहा जा रहा है कि 20 मार्च को देहरादून में विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री को लेकर निर्णय होगा। जब विधायकों की आम सहमति से मुख्यमंत्री के लिए नाम तय होना है तो ये बैठक होली से पहले भी की जा सकती थी, हालांकि ये छुपी बात नहीं रह गई है कि मु मार्च को होगा जिसमें मुख्यमंत्री के साथ ही मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी। पार्टी पूत्रों का कहना है कि शपथ ग्रहण कार्यक्रम को भव्य रूप दिया जाएगा जिसमें भाजपा के केन्द्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, कई केन्द्रीय मंत्री और भाजपा सरकारों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस खत्म होने के बाद पिछले दस दिनों से लगाए जा रहे कयासों को भी विराम मिल गया है, हालांकि मंत्रियों के चयन को लेकर अभी अटकलबाजियों का बाजार गर्म रहने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि
मुख्यमंत्री के लिए चली रेस में पुष्कर सिंह धामी ने प्रेम चंद अग्रवाल, सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, अनिल बलूनी से आगे निकलते हुए सभी को मात दी है। धामी के नेतृत्व में भाजपा को मिली जबर्दस्त जीत और उनकी विवादों में न उलझकर समन्वय की शैली से जहां पार्टी हाईकमान संतुष्ट बताया जा रहा है, वहीं युवा धामी की दावेदारी को संघ की पृष्ठभूमि के साथ भाजपा के खांटी नेता और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के वरदहस्त ने भी मजबूती दी है।