पीएम अन्न योजना पर कांग्रेस नेताओं के सवाल जरूरतमंदों का अपमान: चौहान

पीएम अन्न योजना पर कांग्रेस नेताओं के सवाल जरूरतमंदों का अपमान: चौहान

* गरीबी हटाने के नाम पर 70 साल से राजनीति कर रही कांग्रेस दुविधा मे

देहरादून। भाजपा ने पीएम अन्न योजना योजना को लेकर कांग्रेस के आरोपों को जरूरतमंदों का अपमान बताया है। पार्टी कार्यालय मे पत्रकारों के सवालों के जवाब मे प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि गरीबी रेखा से बाहर निकले लोग पुनः कमजोर न हों, इसलिए उनकी मदद को सरकार जरूरी मानती है। लेकिन गरीबी हटाने के नाम पर 70 सालों तक राजनीति करने वालों के लिए इसे पचाना मुश्किल है और वह दुविधा मे है।

चौहान ने गरीबों की संख्या और पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को लेकर अनर्गल और झूठी बयानबाजी के लिए कांग्रेस नेताओं की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के शानदार विकास कार्यों एवं सफल जनकल्याण योजनाओं का नतीजा है देश में रिकॉर्ड संख्या में लोगों का गरीबी रेखा से ऊपर उठना है। जिस 30 करोड़ के आंकड़े पर कांग्रेस नेताओं को यकीन नहीं हो रहा उस पर विश्व स्तरीय एजेंसियां भी अपनी मुहर लगा चुकी हैं। लेकिन यहां असल समस्या वैचारिक और नैतिक रूप से दरिद्र हो चुकी कांग्रेस की है, जिनके नेहरू से लेकर इंदिरा, राजीव, और मनमोहन तक सभी प्रधानमंत्रियों ने गरीबी हटाने के नारे के साथ राजनीति की है। लेकिन वोट लेने के अतिरिक्त कभी कोई ठोस प्रयास इस दिशा में नहीं किया।

वहीं भाजपा सरकार ने उन तमाम कामों को तो बेहतर तरीके से किया ही जो अन्य सरकारें करती थी। साथ ही उन कार्यों को पूरा कर दिखाया जिन्हें पिछली सरकारें असंभव मानती थी, जिसमें सबसे ऊपर गरीबी उन्मूलन था। पीएम मोदी ने उसे चुनौती की तरह लिया और 8 वर्षों में 30 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी के दंश से मुक्त कर दिया है।

उन्होंने कहा कि 80 करोड़ लोगों को फ्री अनाज देने पर कांग्रेस नेताओं को समझना चाहिए कि हमारी सरकार बेहद जिम्मेदारी और संजीदगी से प्रत्येक कार्य करती है। हम नहीं चाहते कि कोविड के बाद की परिस्थितियों के चलते, गरीबी रेखा से बाहर निकला देशवासी किसी भी कारणवश पुनः उसी समस्या से ग्रस्त हो जाए। इसलिए अगले पांच वर्षों तक सभी जरूरतमंदों की तरह उन्हें भी इस योजना के तहत मदद जारी रहेगी।

कांग्रेस नेताओं का जान बूझकर ऐसे बयान कहीं न कहीं तमाम जरूरतमंदों का अपमान हैं। ये उन लोगों का हौसला तोड़ने की कोशिश है जो कड़ी मेहनत कर सरकार के सहयोग से देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं।

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