दुखद: नहीं रहे डाक्टर योगेम्बर बर्थ्वाल बिनम्र श्रृद्धान्जलि !

दुखद: नहीं रहे डाक्टर योगेम्बर बर्थ्वाल बिनम्र श्रृद्धान्जलि !

देहरादून। दून चिकित्सालय से सेवानिवृत्त डाक्टर योगेम्बर बर्थ्यवाल हमारे बीच नहीं रहे, उन्होंने 75 बर्ष की उम्र में देहरादून के कैलाश हॉस्पिटल में इस दुनिया को अलविदा किया वे ड़ेगू बीमारी से संक्रमित थे। सीपीएम, उत्तराखण्ड पीपुल्स फोरम, एस एफ आई सहित विभिन्न राजनैतिक सामाजिक संगठनों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। श्री बर्त्वाल जी तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण तिवारी के चिकित्सा सलाहकार भी थे। शारीरिक रूप से विकलांगता कभी उनकी सामाजिक एवं साहित्य रचना यात्रा में आढ़े नहीं आया। वे‌ गढ़ कवि चन्द्र कुंवर बर्तवाल के साहित्य समिति के कर्ताधर्ता में से थे।
डॉ• योगम्बर सिंह बर्त्वाल समाज के लिए आदर्श थे। लगभग दो पांडुलिपियों के लेखक डॉक्टर बर्तवाल ने लगभग 300 दुर्लभ पत्र, डायरियां आदि भारत सरकार के रिकॉर्ड में भी दर्ज किए हैं। यह दुर्लभ पत्र और डायरिया वे विभिन्न स्रोतों से, विभिन्न भाषाएँ सेलेक्टाई हैं। जीवन के अन्तिम दिनों तक डॉक्टर बर्त्वाल जी के लेखन में लगे रहे।
डॉक्टर बर्तवाल स्वास्थ्य विभाग में सेवा के दौरान देशों के विभिन्न खंडों में सेवारत रहे और जिस क्षेत्र में उन्होंने उस क्षेत्र का इतिहास, भूगोल की विस्तृत जानकारी प्राप्त करते रहे। उन्होंने पत्रकारिता और साहित्य में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई वे स्वास्थ्य विभाग के समाज के लिए आदर्श हैं। उनके योगदान समाज सदैव याद करेगा। बिनम्र श्रृद्धान्जलि ।

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