देहरादून। उत्तराखंड सहकारी क्षेत्र विशेषज्ञ और उत्तराखंड सहकारी परिषद के पूर्व अध्यक्ष हयात सिंह माहरा का चंपावत जिले के अपने पैतृक आवास में निधन हो गया है। सहकारी विकास के क्षेत्र में समर्पण और ज्ञान की विरासत छोड़कर श्री माहरा का 72 वर्ष की आयु में निधन पर सहकारी सेक्टर के तमाम लोगों ने दुख व्यक्त किया है।
हयात सिंह माहरा को उत्तराखंड में सहकारी समितियों की गहरी समझ और क्षेत्र में सहकारी आंदोलन के विकास और स्थिरता में उनके योगदान के लिए जाना जाता था। उनकी विशेषज्ञता और नेतृत्व ने सहकारी क्षेत्र पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है, और उनके निधन को उन लोगों ने गहराई से महसूस किया है जिन्हें उनके साथ काम करने का सौभाग्य मिला है।
उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सहकारी समुदाय के ऐसे मूल्यवान सदस्य के खोने पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि, श्री हयात सिंह माहरा की अनुपस्थिति बहुत महसूस की जायेगी, विशेषकर सहकारी विकास के क्षेत्र में, जहाँ उनके ज्ञान और मार्गदर्शन को अत्यधिक महत्व दिया जाता था। डॉ रावत ने कहा कि, उत्तराखंड सहकारी परिषद के अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका में, श्री माहरा ने सहयोग के सिद्धांतों और सहकारी की बेहतरी के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता प्रदर्शित की।
हयात सिंह माहरा 1989 में जिला सहकारी बैंक लि० पिथौरागढ़ के पहली बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए और लगातार पांच बार बैंक के अध्यक्ष रहे। यही कारण था उन्हें कोऑपरेटिव बैंकों और सहकारी समितियों का जमीनी ज्ञान था।
उत्तराखंड सहकारिता विभाग श्री हयात सिंह माहरा के परिवारजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हैं। उनकी विरासत उत्तराखंड और उसके बाहर सहकारी समुदाय को प्रेरित और मार्गदर्शन करती रहेगी।