देहरादून/चमोली। उत्तराखंड के बद्रीनाथ में बड़ा में बड़ा हादसा हो गया है, ग्लेशियर टूटने से 47 मजदूर दब गए जिनमें से 16 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
वहीं मुख्यमंत्री धामी पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं उन्होंने पोस्ट कर जानकारी दी है कि श्रमिक भाइयों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक बद्रीनाथ मंदिर से 3 किलोमीटर दूर यह एवलांच हादसा हुआ है। लोगों को बचाने के लिए कई तरह की टीमों को हादसे वाली जगह पर भेज दिया गया है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक बचाए गए लोगों में से कुछ की हालत ज्यादा खराब है, जिन्हें आर्मी अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लिखा-जनपद चमोली में माणा गांव के निकट बीआरओ द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। आईटीबीपी व बीआरओ और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत और बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है। भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं। उत्तराखंड का माणा गांव भारत और चीन के बॉर्डर पर है। यहां सेना का बेस कैंप है। लिहाजा सेना सबसे पहले बचाव कार्य में जुटी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भेजा गया है। हिमस्खलन को लेकर बीआरओ की टीमें भी बचाव कार्य में जुट गई हैं। बद्रीनाथ माणा के पास सीमा सड़क पर यह घटना हुई है। इस घटना पर बीआरओ मेजर ने बताया कि मजदूरों के कैंप के पास ग्लेशियर टूटा है। इसके कारण यह घटना हुई है।
हालांकि अभी कितने मजदूर दबे हैं इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं एनहो पाई है। घटना के बाद चमोली में सेना और आईटीबीपी रेस्क्यू में जुट गई है। हनुमान चट्टी से आगे हाइवे बंद है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को मौके पर रवाना कर दिया गया, लेकिन हाईवे बंद होने के कारण वो रास्ते में फंसे हुए हैं। चमोली के डीएम डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि 57 मजदूरों के माणा पास क्षेत्र में होने की सूचना है।
वहीं चमोली जनपद में हो रही बारिश और बर्फबारी को देखते हुए जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने आईआरएस से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि अधिकारियों को बाधित हुई सड़कों पर यातायात सुचारु करने के अलावा क्षतिग्रस्त विद्युत लाइनों को ठीक कर विद्युत आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए हैं।