दुखद खबर: अलकनंदा में गिरा पर्यटकों का वाहन, 14 की मौत, 12 घायल, मुख्यमंत्री पहुंचे एम्स, हरसंभव उपचार के निर्देश

दुखद खबर: अलकनंदा में गिरा पर्यटकों का वाहन, 14 की मौत, 12 घायल, मुख्यमंत्री पहुंचे एम्स, हरसंभव उपचार के निर्देश

रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में दिल्ली के पर्यटकों के साथ शनिवार को दर्दनाक हादसा हो गया। चोपता और तुंगनाथ घूमने जा रहे पर्यटकों का ओवरलोड ट्रेंपो ट्रेवलर वाहन बद्रीनाथ राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग से पहले अनियंत्रित होकर क्रश बैरियर को तोड़ते हुए 300 मीटर नीचे बह रही अलकनंदा नदी किनारे जा गिरा। इस भीषण दुर्घटना में 14 पर्यटकों की मौत हो गई, जबकि 12 घायल हैं। इनमें 10 पर्यटकों की दुर्घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकि 04 ने अस्पताल ले जाते हुए दम तोड़ दिया। हेली रेस्क्यू के बाद एम्स ऋषिकेश पहुंचाए गए। पांच पर्यटकों की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि शेष घायलों का जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में उपचार चल रहा है।

दुर्घटना रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से करीब 05 किमी पहले श्रीनगर की तरफ हुई। पर्यटक दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व उत्तराखंड के रहने वाले हैं, जो शुक्रवार रात दिल्ली से चले थे। दुर्घटना का प्रारंभिक कारण वाहन का ओवरलोड होना, तेज गति से दौड़ना व चालक को नींद की झपकी आना माना जा रहा। 20 सीट की क्षमता वाले इस ट्रेंपो ट्रेवलर में 26 लोग सवार थे।

वहीं, वाहन को नदी में गिरते देखकर अलकनंदा के दूसरी ओर स्थित पहाड़ी पर काम कर रहे ऋषिकेश-कर्णप्रयाण रेल लाइन के 03 मजदूरों ने मदद के लिए नदी में तैरकर दुर्घटनाग्रस्त वाहन तक पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन इनमें से एक मजदूर नदी के तेज बहाव में बहकर लापता हो गया। 01 मजदूर नदी पार कर दुर्घटनाग्रस्त वाहन तक पहुंच गया, जबकि दूसरा खुद को तेज बहाव में बहता देख बीच नदी से वापस लौट गया।

दुर्घटना शनिवार पूर्वाह्न लगभग 11.20 बजे रुद्रप्रयाग जिले में बदरीनाथ राजमार्ग पर स्थित रैंतोली के समीप हुई। हरियाणा में पंजीकृत टेंपो ट्रेवलर (एचआर-55ए-3679) में शुक्रवार रात करीब 12 बजे दिल्ली से पर्यटक सवार हुए और चोपता के लिए निकले। यहां शनिवार रात रुकने के बाद उनकी अगले दिन तुंगनाथ ट्रेकिंग के लिए जाने की योजना थी। स्थानीय लोगों के अनुसार ट्रेंपो ट्रेवलर अचानक अनियंत्रित हो गया और क्रैश बैरियर को तोड़ते हुए करीब 300 मीटर नीचे खाई की ओर नीचे बह रही अलकनंदा नदी के एक किनारे पर जा गिरा। दुर्घटना के बाद स्थानीय लोग तत्काल बचाव कार्य में जुट गए। इस बीच पुलिस, प्रशासन समेत राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान भी पहुंच गए। गहरी खाई और खतरा होने के कारण शवों और घायलों को निकालने में ढाई से तीन घंटे का समय लग गया।

जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग डा. सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे भी घटनास्थल पर डटे रहे।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, जल पुलिस, होमगार्ड के साथ ही स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य किया व घायलों व शवों को गहरी खाई से सड़क मार्ग तक पहुंचाया। वाहन में सवार लोग मध्य प्रदेश के भोपाल, झांसी, उत्तराखंड के हल्द्वानी, उत्तर प्रदेश के नोएडा व गाजियाबाद और दिल्ली के निवासी हैं। गंभीर रूप से घायल सात पर्यटकों को हेली रेस्क्यू कर एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया था, जिनमें से दो ने दम तोड़ दिया। वर्तमान में पांच घायलों का एम्स ऋषिकेश जबकि शेष सात घायलों का रुद्रप्रयाग में उपचार चल रहा। एआरटीओ प्रमोद कर्नाटक ने बताया कि वाहन के सभी दस्तावेज वैध पाए गए हैं। वाहन 20 यात्रियों की क्षमता का है, जिसमें 26 लोग सवार थे। एआरटीओ ने प्रथम दृष्ट्या दुर्घटना का कारण मानवीय भूल बताया है।

गृह मंत्री अमित शाह और राज्यपाल ने जताया शोक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने दुर्घटना पर शोक जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने राज्य सरकार को राहत एवं उपचार कार्य में सभी संसाधन झोंकने के भी निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री धामी पहुंचे एम्स, हरसंभव उपचार के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शाम को एम्स ऋषिकेश पहुंचकर वहां भर्ती गंभीर रूप से घायल पांच पर्यटकों का हाल जाना और चिकित्सकों से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना पर शोक जताते हुए मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने चिकित्सा दल में चिकित्सा के लिए सभी साधन अपनाने और राज्य की तरफ से किसी भी आपात स्थिति में सहयोग और संसाधन मुहैया कराने की बात कही।

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