देहरादून। भाजपा ने राज्य के रजत जयंती वर्ष पर विशेष सत्र की घोषणा का स्वागत करते हुए, इसे देवभूमि की उपलब्धियों और विकसित राज्य के लक्ष्य पर विमर्श के लिए बेहद अहम बताया है।
प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री धामी की प्रशंसा करते हुए कहा, ये सुनहरा अवसर है पक्ष विपक्ष के पास, साथ बैठकर प्रदेश के विकास की नीति निर्धारण पर सार्थक चर्चा का। लेकिन अब तक जो रुख कांग्रेस का सत्र को लेकर जो नकारात्मक रुख सामने आया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण जिसपर उनके बड़े नेताओं को विचार करना चाहिए ।
मीडिया में जारी अपने बयान में उन्होंने कहा, हम सभी सवा करोड़ से अधिक उत्तराखंडवासियों के लिए बेहद गर्व का विषय है कि राज्य अपनी स्थापना के 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। निर्माण से युवा अवस्था तक के सफर में राज्य ने विकास और मानवीय सूचकांकों में नई ऊंचाईयों को प्राप्त किया है। तमाम सरकारों के सामूहिक प्रयासों से आज देश में राज्य की नई पहचान स्थापित हुई है। लिहाजा इस सुनहरे अवसर पर बहुत जरूरी है कि राज्य की उपलब्धियों पर गौरवान्वित चर्चा की जाए। आवश्यक है कि एक सार्थक चर्चा हो। कैसे इस दशक को उत्तराखंड का बनाया जाए और विकसित भारत निर्माण में देवभूमि का योगदान किस तरह सुनिश्चित किया जाए, लिहाजा सभी के साथ बैठने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यूं तो हमेशा पक्ष विपक्ष द्वारा साथ बैठकर राज्य के विकास पर चर्चा होनी चाहिए। लेकिन कम से कम रजत जयंती के सुनहरे वर्ष पर होने वाले विशेष विधानसभा सत्र में सार्थक और सकारात्मक चर्चा की अपेक्षा तो प्रत्येक उत्तराखंडवासी रखता है। ऐसे में विशेष सत्र के निर्णय पर उन्होंने प्रदेशवासियों की तरफ से मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया।
सत्र को लेकर विपक्षी नेताओं की सामने आ रही नकारात्मक टिप्पणियों को उन्होंने बहुत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निराशाजनक बताया। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा विपक्ष ने नकारात्मक राजनीति और सस्ती लोकप्रियता के लिए गैरसैण समेत अन्य सत्रों को हंगामे से बाधित किया है। सरकार की लाख कोशिशें के बाद भी कांग्रेस ने सदन में जनहित के मुद्दों सार्थक चर्चा नहीं होने दी। ऐसे में जब प्रदेशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री धामी विशेष सत्र का आयोजन कर रहे हैं, उसपर नकारात्मक टीका टिप्पणी करना जायज नहीं है।
वहीं उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि दलगत राजनीति को दरकिनार वे इस विशेष सत्र में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।