देहरादून। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के कई भाजपा नेताओं ने दिल्ली में शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है। भाजपा नेताओं के दिल्ली दौरे से उत्तराखंड की राजनीति में भी हलचल बढ़ गई है। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उत्तराखंड के वर्तमान हालातों के संबंध में विस्तृत बातचीत की है। इससे पूर्व उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। उनकी इन मुलाकातों के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं तथा उत्तराखंड की राजनीति में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है। इसके अलावा पूर्व सीएम ने उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से भी मुलाकात की। हालांकि इन मुलाकातों को राज्य के हालिया घटनाक्रम से जोड़ा जा रहा है। वर्तमान में उत्तराखंड प्रदेश में पेपर लीक प्रकरण व विधानसभा भर्ती घोटालों को लेकर जबरदस्त विवाद चल रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा पार्टी नेतृत्व की राज्य में उपजे हालातों पर पैनी निगाह है। बताया जा रहा है कि भाजपा हाईकमान भ्रष्टाचार को लेकर अत्यधिक चौकन्ना है और समझा जा रहा है कि भर्ती घोटाले को लेकर कुछ मंत्रियों पर गाज गिरनी तय है, जिसकी पटकथा वर्तमान में लिखी जाने लगी है।
हालाकिं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बारे में सोशल मीडिया के जरिए लिखा है कि, हिमालयी राज्यों के विकास, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार संबंधी चर्चा हुई है।