उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त कानून बनेगा: सीएम धामी

उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त कानून बनेगा: सीएम धामी

देहरादून। उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त कानून बनेगा। इसको लेकर राज्य सरकार की ओर से तैयारी की जा रही है। सरकार द्वारा नकल करने और कराने पर उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। इससे अर्जित की गई संपत्ति राज्य सरकार के अधीन होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में इसे लेकर फैसला लिया गया। धामी कैबिनेट में उत्तराखंड सार्वजनिक परीक्षा भर्ती) में अनुचित साधनों की (रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक अगली कैबिनेट बैठक में लाने का निर्णय लिया गया।
मुख्य सचिव डा. एसएस संधू ने मामले को लेकर बताया कि राज्य में कड़ा नकल विरोधी कानून बनाने को लेकर सहमति बनी है। इसे अगली कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि सरकार ऐसी भी व्यवस्था करने जा रही है कि अभियोजन के दौरान ही आरोपियों की संपत्ति सील की जा सके। इसके लिए 48 घंटे पहले नोटिस देना होगा। आरोपियों के दोषी पाए जाने पर यह संपत्ति सरकार के अधीन हो जाएगी।

सूत्रों के अनुसार कार्मिक विभाग ने विधेयक का जो ड्राफ्ट बनाया है। उसमें नकल करने वाले अभ्यर्थियों पर भी शिकंजा कसा गया है। चार्जशीट के बाद ऐसे अभ्यर्थी अगले पांच साल तक प्रतियोगी परीक्षाओं में नहीं बैठ पाएंगे। ऐसे अभ्यर्थियों पर अधिकतम एक लाख रुपये तक जुर्माना भी किया जा सकेगा। दोषी पाए जाने पर वे 10 साल तक के लिए भर्ती परीक्षाओं में नहीं बैठ सकेंगे। प्रेस से अगर पेपर लीक होता है, तो इस दशा में संबंधित कंपनी पर अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है। इसी तरह यदि भर्ती एजेंसियों से ये पेपर लीक होता है तो संबंधित अफसर व कर्मचारी से इतनी बड़ी रकम वसूलने की व्यवस्था की जा रही है। कोचिंग सेंटरों के लिए भी यह व्यवस्था की जा रही है।

All Recent Posts Latest News उत्तराखण्ड