देहरादून। गणतंत्र दिवस पर परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में विभिन्न विभागों की झांकियां प्रदर्शित की गई। जिसमें सूचना विभाग की झांकी को पहला स्थान मिला है। यह पुरस्कार राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने प्रदान किया। पुरस्कार महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ओर संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी के.एस. चौहान ने ग्रहण किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का है। देवभूमि उत्तराखंड में विकसित भारत के अन्तर्गत कई लाख करोड़ की विकास परियोजनाओं के कार्य जैसे ऑल वेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन, होम स्टे, रोप-वे आदि पर तेजी से कार्य किया जा रहा है और पारम्परिक अनाजों का भी पर्याप्त मात्रा में उत्पादन किया जा रहा है।
सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सूचना विभाग द्वारा ‘‘विकसित उत्तराखण्ड‘‘ की झांकी का निर्माण किया गया है। झांकी के आगे उत्तराखंडी महिला को पारम्परिक वेशभूषा में स्वागत करते हुए दिखाया गया है। पारम्परिक अनाज मंडूवा, झंगोरा, रामदाना तथा कौंणी की खेती व राज्य पक्षी मोनाल को दिखाया गया है।
झांकी के बीच में होम स्टे को दिखाया गया है। पहाड़ों में होमस्टे योजना से हजारों ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 में उत्तराखण्ड के सरमोली गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित किया गया है। साथ ही लखपति दीदी योजना से उत्तराखण्ड में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। स्वयं सहायता समूह में कार्य करते हुए स्थानीय महिलाओं व सुदूर पहाडों में सौर ऊर्जा और मोबाइल टावर को दिखाया गया है।
इस झांकी के आखरी भाग में ऑल वेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, रोप-वे तथा भारत के प्रथम गांव माणा के लिए रोड़ कनेक्टिवी को दर्शाया गया है। इन योजनाओं से उत्तराखण्ड में यात्रियों के लिए आवागमन की सुविधा में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है।
झांकी का डिजाइन, कान्सेप्ट और निर्माण विभाग के संयुक्त निदेशक-नोडल अधिकारी के.एस.चौहान के निर्देशन में किया गया है। झांकी के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति पर आधारित पारम्परिक वेशभूषा में नृत्य करते हुए कलाकार थे।