तीर्थनगरी ऋषिकेश में सख्त प्रतिबंध के बावजूद अवैध शराब का धंधा खूब फल-फूल रहा है। आंवला न्यूज के पत्रकार योगेश डिमरी को जब इसकी भनक लगी तो वे एक के बाद एक शराब की इन अवैध गतिविधियों का खुलासा करने लगे। ये बात शराब माफिया गैंग को नागवार गुजरी और उन्होंने सुनियोजित प्लान बनाकर बीती एक सितंबर 2024 को डिमरी को अपने जाल में फंसा दिया। जैसे ही वे उनके बताए स्थान पर पहुंचे, उन पर जानलेवा हमला कर दिया गया। ये बातें उन्होंने एसएसपी देहरादून को डिटेल्ड में बताकर न्याय की गुहार लगाई है। आइए आपको भी उक्त घटना से रूबरू करवाते हैं:-
मामचन्द शाह/देहरादून। बीते एक सितंबर 2024 को पत्रकार योगेश डिमरी पर शराब माफिया गैंग द्वारा किए गए जानलेवा हमले की घटना आपको याद होगी। ऋषिकेश स्थित आंवला न्यूज के पत्रकार योगेश डिमरी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को न्याय की गुहार लगाते हुए हमले की पूरी डिटेल के साथ रिपोर्ट दर्ज करने हेतु तहरीर दी है।
इसकी एक प्रति उन्होंने ऋषिकेश कोतवाली में भी प्रेषित की है। एसएसपी को दी गई तहरीर में पत्रकार योगेश डिमरी ने उनके ऊपर हुए जानलेवा हमले को विस्तारपूर्वक बताया है। उन्होंने बताया है कि दिनांक 1 सितम्बर 2024 को मेरे ऊपर जानलेवा हमला होने के उपरान्त से ऋषिकेश एम्स हॉस्पिटल में भर्ती होने और जबड़े का ऑपरेशन होने के कारण वे 7 सितंबर को पुलिस प्रशासन को घटना का विस्तृत विवरण प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतु प्रस्तुत कर रहे हैं। हालांकि उनके साथी ने घटना के बाद ही पुलिस में इसकी शिकायत कर दी थी।
उन्होंने तहरीर में लिखा है कि मैं योगेश डिमरी संपादक आंवला न्यूज फेस बुक चैनल ऋषिकेश विगत 20 वर्षों से पत्रकारिता करता चला आ रहा है और पर्वतजन मासिक पत्रिका, और देश अभी तक मासिक पत्रिका में भी पत्रकारिता करता रहा हूँ।
लगभग तीन माह पूर्व बापू ग्राम धरनास्थल पर गया था। वहाँ मुझे मेरे पत्रकार साथी वीरेन्द्र ने बताया कि उसने एक रात पहले जो अवैध शराब की खबर दिखाने के बाद, शराब की खेप को थाना ऋषिकेश को सुपुर्द किया था, उसे शराब तस्कर थाने से उठा कर ले गए और धमकी भी दे कर गए। ये जानने के बाद मेरे अंदर भी बहुत रोष उत्पन्न हुआ कि जो काम पुलिस कर्मियों को करना चाहिए, वह एक पत्रकार कर रहा है, तो मैं भी उनके साथ अवैध नशे के खिलाफ अभियान से जुड़ गया और उसके बाद से मैंने अपने साथियों अरविन्द हटवाल, सुरेन्द्र सिंह नेगी, अमित चौहान, वीरेन्द्र, सूरज, धर्मवीर प्रजापति, संदीप भण्डारी आदि के साथ मिल कर अवैध शराब और नशा बेचने वालों की खबरें बनाना शुरू कर दिया और युवा पीढ़ी को नशे के विरुद्ध जागरूक करने हेतु खबरें प्रसारित करना शुरू किया।
दिनांक 15 अगस्त 2024 को आईएसबीटी त्रऋषिकेश के पीछे अवैध शराब की 15-20 पेटियाँ मौके पर देख उसकी खबर बनायी, उसके बाद हम चंद्रेश्वर नगर गए, जहाँ दो घरों में शराब बिक रही थी, हमारे द्वारा पुलिस को सूचित कर, शराब पकड़वाई गयी। उसके बाद हमारे द्वारा श्यामपुर, गुमानीवाला, आईडीपीएल हाट आदि स्थानों पर भी अवैध शराब बिकने की खबरें दिखाई गयीं। इतने बड़े पैमाने पर त्रऋषिकेश जैसी धर्म नगरी में नशे का कारोबार खुले आम चलने के कारण से हमारे द्वारा पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और नेताओं की मिलीभगत के आरोप अपनी खबरों में लगाए गए।
हमारे द्वारा कई बार 112 पर कॉल कर सूचित किया गया। हमारे द्वारा श्यामपुर फाटक और देहरादून रोड पर भी अवैध शराब का जखीरा पकड़वाया गया था, जिसमें से एक गाड़ी जो बिना नंबर की थी, में 135 शराब की पेटियाँ पकड़वाई थी। समाज सेवा करने पर ऐसा जान लेवा हमला होगा और पुलिस की निष्क्रियता का ऐसा उदहारण देखने को मिलेगा, इसकी तो कल्पना भी नहीं की थी।
योगेश डिमरी ने बताया है कि हम लोगों को कुछ दिनों से अनजान नंबरों से व्हाट्सएप्प कॉल आने लगे कि अवैध शराब इंदिरा नगर गली न० 2 में भी उतरने वाली है। दिनांक 31.08.2024 को मेरे साथी संजय सिल्सवाल को 9084830976 से व्हाट्स एप्प कॉल आया कि यहाँ इंदिरा नगर में खूब शराब उतर रही है, आप क्यों नहीं आ रहे हैं। ऐसे ही व्हाट्सएप्प कॉल मेरे नंबर पर भी आये और बोला गया कि इंदिरा नगर आ जाओ। मुझे विश्वास हो गया कि इंदिरा नगर में कोई बड़ा शराब माफिया है। तो मैंने दिनांक 1 सितम्बर 2024 को सुबह 5:00 बजे अपने साथियों अमित चौहान, धर्मवीर प्रजापति, वीरेन्द्र, संदीप भण्डारी को फोन कर कोयल घाटी बुला लिया। इतनी सुबह फिर से कई व्हाट्सएप्प कॉल आने लगे। पहले बोला कि शराब रानीपोखरी से चल पड़ी है, फिर कॉल आया कि शराब की खेप नटराज चौक पहुँच गयी है, फिर दुबारा से व्हाट्स एप्प कॉल आया कि अब इंदिरा नगर में घर पर पहुंच गयी है, तुम लोग जल्दी आ जाओ। हमें महसूस ही नहीं हुआ कि यह कॉल एक साजिश का हिस्सा है और हमें एक जाल में फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।
लगभग 7:30 बजे सुबह हम लोग इन्दिरा नगर पहुंचे और सूचना के अनुसार जैसे ही मैंने आल्टो गाड़ी एक घर के गैराज में देखी तो मैंने बाहर ही सड़क पर विडियो बनाने के लिए फोन निकाला तो करीब 6-7 लोग बेस बैट लेकर घर के अंदर से बाहर आ गए और 7-8 लोग आस पास की गलियों से बेस बैट लेकर आ गए और लगभग 15 लोगों के द्वारा मुझे घेर लिया गया और चिलाने लगे ‘मारो मारो, इसे जान से मारो, ये साला शराब पकड़ने वाला हीरो है’ और मेरे सिर पर पीछे से बेस बैट डंडा मारा, मेरा सिर खूनो खून हो गया। मैं नीचे गिर गया, फिर सभी ने मिल कर पेट पर, पीठ में मारना शुरू किया, और बोले कि अब दोबारा आज के बाद शराब पकड़वाएगा। सुनील गंजा मुझे थप्पड़ मारते हुए बोला कि तू प्रेमचन्द के खिलाफ खूब खबर दिखाता है। तुझे तो जान से ही मार देंगे आज। तभी मेरे जबड़े में किसी ने लगातार ठोकर से मारना शुरू किया, मुंह से भी खून निकलने लगा और इन लोगों ने मुझे अपने पाँव पकड़ कर माफी मांगने को बोला, मेरा मोबाइल छीन कर उसे बेस बैट से मार-मार कर टुकड़े-टुकड़े कर दिया। मेरा माइक जेब से निकाल कर तोड़ दिया। सुनील गंजे की पत्नी विमलेश वालिया भी लगातार चिल्लाती रही कि इसको जान से मार दो, इन लोगों ने मेरी टांग पर बेस बैट से मार-मार के हड्डियाँ तोड़ दीं।
गली में 50-60 लोग ये पूरा घटनाक्रम देख रहे थे पर कोई भी मुझे बचाने नहीं आया। फिर वहां का पार्षद राजेन्द्र प्रेम सिंह और दो पुलिस कर्मी मौके पर पहुँचे, परंतु पुलिस कर्मियों के द्वारा न तो मुझे सहारा दिया गया, न ही खड़ा किया गया। जैसे ही में पार्षद की स्कूटी में बैठने लगा तो सुनील गंजे ने बोला कि तमंचा लाओ आज इसे जान से ही मार देंगे।
योगेश ने बताया कि मुझे मारने वालों में सुनील गंजा, उसकी पत्नी विमलेश वालिया, बेटा आयुष वालिया, सौरभ, सोनू राठी, नेपाली, कालू, सुरेन्द्र जाटव उर्फ जेगो, नवनीत, विनय अग्रवाल उर्फ वेणु, अनिक कश्यप, राहुल जाटव और अन्य कई अनजान लोग भी थे, जिन्हें मैं नाम से नहीं जानता हैं। बाद में पता चला कि जो हमें बार-बार व्हाट्सएप्प कॉल करके बुला रहा था, वो नंबर राहुल जाटव का था। राहुल जाटव, सुनील गंजा, विनय अग्रवाल, सोनू राठी और सुरेन्द्र जाटव आदि इन लोगों का एक गिरोह है, जो अवैध शराब और नशे के तस्करी में लिप्त हैं और सामाजिक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करने वाले अपराधों में लिप्त रहते हैं, जिन्हें नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। घटना की पुष्टि आस-पास के सीसीटीवी फुटेज और खुद सुनील गंजे के घर के कैमरे से की जा सकती है।
पत्रकार योगेश डिमरी ने एसएसपी देहरादून से अनुरोध करते हुए कहा है कि उक्त घटना के संबंध में मेरी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर मामले का अन्वेषण करने की कृपा करें और सुनील गंजे के गिरोह के अन्य साथियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजने की कृपा करें। बताते चलें कि तीर्थनगरी ऋषिकेश में घटित इस घटना की चौतरफा कड़ी आलोचना के बाद सुनील उर्फ गंजा के बाद अब उनके पुत्र को भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन पीड़ित पत्रकार योगेश डिमरी ने सुनील गंजा के अन्य साथियों को भी गिरफ्तार किए जाने की मांग की है। वहीं दूसरे पक्ष की ओर से भी पत्रकार व उनके साथियों पर क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई गई है। हालांकि इन सब तथ्यों की पुलिस जांच कर रही है।
बहरहाल, विश्व प्रसिद्ध तीर्थनगरी ऋषिकेश में प्रतिबंध के बावजूद शराब की धड़ल्ले से अवैध बिक्री किए जाने पर स्थानीय पुलिस व आबकारी विभाग पर भी सवाल उठने लाजिमी है। हालांकि अवैध शराब की सूचना मिलने पर तब पत्रकार डिमरी पुलिस को सूचित कर पुलिस बल के साथ ही मौके पर पहुंचते तो वे अनायास होने वाले जानलेवा हमले के शिकार होने से बच सकते थे। बावजूद इसके ऋषिकेश जैसी तीर्थनगरी में शराब का अवैध धंधा जिस तरह से खूब फल-फूल रहा है और इसका विरोध करने वालों पर जानलेवा हमला कर उनकी आवाज को ही कुचलने का प्रयास किए जा रहे हों तो यह उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री धाकड़ धामी के लिए भी चिंता का विषय है।
बता दें कि इस घटना के दो दिन बाद ही मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देश पर शराब के ठेकों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। प्रदेशभर में 100 से अधिक ठेकों पर प्रशासन और आबकारी विभाग की रेड पड़ी। दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देश थे कि यदि दुकानों पर ओवर रेटिंग की शिकायत सही मिलती है और स्टॉक और बिक्री रजिस्ट्रर मेंटेन नहीं मिलता तो ऐसी दुकानों को सीज किया जाए। उन्होंने टीम को समय-समय पर अभियान चलाने और तस्करी करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उक्त निर्देशों के बाद बुधवार 18 सितंबर को डीएम देहरादून, ग्राहक बनकर एक शराब ठेके पर पहुंचे। आप सुनकर चौंक जाएंगे कि वहां सेल्समैन ने शराब बोतल के उनसे ही 20 रुपए अधिक पैसे ले लिए। इस पर उक्त ठेके का 50 हजार का चालान कर दिया गया। इसके अलावा कई अन्य ठेकों के भी चालान किए गए। अब देखने वाली बात यह है कि उक्त कार्रवाई का असर ठेके संचालकों पर कितने दिन रह पाता है। गत दिवस डीएम देहरादून की इस कार्रवाई के बाद स्पष्ट हो गया है कि शराब ठेकों पर किस तरह से ओवर रेटिंग व अन्य अनियमितताएं हो रही हैं। आबकारी विभाग पर डीएम की इस कार्रवाई का कितना असर हो पाता है, यह तो समय ही बताएगा। बहरहाल, अब देखना यह होगा कि उक्त मारपीट प्रकरण पर पुलिस क्या कार्रवाई करती है और पीड़ित पत्रकार योगेश डिमरी को कब तक न्याय मिल पाता है?