पॉलिटेक्निक संस्थानों में ब्रांचों को बंद करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण: यशपाल आर्य

पॉलिटेक्निक संस्थानों में ब्रांचों को बंद करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण: यशपाल आर्य

देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि अगर हमें नौजवानों को रोजगार देना हैं तो उन्हें टेक्निकल एजुकेशन देना पड़ेगा, स्किल डेवलपमेंट करना पड़ेगा, इंजीनियरिंग के कॉलेजों में शिक्षा देनी पड़ेगी, इंजीनियरिंग में डिग्री करनी पड़ेगी, डिप्लोमा इंजीनियरिंग करना पड़ेगा, सर्टिफिकेट कोर्स करना पड़ेगा।

पीएम मोदी ने ये बातें 12 अगस्त 2015 को कही थी, पर इसके विपरीत उत्तराखंड की धामी सरकार का प्राविधिक शिक्षा विभाग 15 पॉलिटेक्निक कालेजों में ब्रांचों को बंद कर रहा है। इसके पीछे यह कारण दिया जा रहा कि छात्र कम हैं या एडमिशन नहीं।

नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा कि जिन ब्रांचों को बंद किया जा रहा है उनमें बिग डाटा, गेमिंग एंड एनीमेशन, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी ब्रांच शामिल हैं जो टेक्नोलॉजी की दुनिया में सबसे ज्यादा ट्रेंड में हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि धामी सरकार अपने राज में तकनीकी प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार तो दे नहीं पाई, अब रोजगार के अवसर भी हमेशा के लिए खत्म करने पर आमदा है। राज्य सरकार निजी तकनीकी संस्थाओं को बढ़ावा देकर आर्थिक रूप से कमजोर व मध्यम वर्ग के युवाओं को बेरोजगार बनाने की साजिश रच रही है। सरकार तकनीकी संस्थान की ब्रांच बंद कर इसकी शुरुआत कर चुकी है। भाजपा सरकार केवल रोजगार की जुमलेबाजी में कोरी बयानबाजी में व्यस्त हैं।

यशपाल आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री कृपया एक बार इस बारे में भी सोचे क्योंकि आने वाले समय में इनकी मांग और बढ़ेगी। साथ ही छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए बच्चों को जागरुक किया जा सकता है, विज्ञापन दिए जा सकते हैं और कॉलेजों द्वारा अवेयरनेस कैंपेन किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप नहीं रहेगी और सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगी।

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