देहरादून। राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता प्रकट करते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य सरकार बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसी बिकराल होती समस्याओं का हल निकालने के बजाय राज्य में दहशत का माहौल बनाने वालों को प्रश्रय दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपराधी को धर्म न देखते हुए हर अपराधी को अपराधी मानते हुए उसे कानून के अनुसार सजा दिलानी चाहिए।
उत्तरकाशी के पुरोला वाली घटना पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछले पांच-छह दिनों से उत्तरकाशी से जो तस्वीरें आ रही हैं वे देश- दुनिया को विचलित करने वाली हैं। यशपाल आर्य ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में अल्पसंख्यकों की दुकानों को उजाड़ा जा रहा है और पुलिस बेबस मूकदर्शक बनी हुई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पुरोला की घटना के नामजद दो अपराधी दो अलग-अलग संप्रदायों से हैं परंतु एक सम्प्रदाय को सरकार भाजपा से लेकर हर स्तर पर कुछ धार्मिक संगठनों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि क्या उत्तराखंड के साथ दिल्ली की भाजपा सरकार को इस बात का एहसास नहीं है कि आख़िर उन बेगुनाह परिवारों पर क्या गुज़र रही होगी जिनकी दुकानों-मकानों को निशाने पर लेकर नुकसान पंहुचाया जा रहा है? उन्होंने इन घटनाओं पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा कि आखिर कितनी हिंसा के बाद राज्य और केंद्र सरकार अपना राजधर्म निभाएगी?
यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि जैसे-जैसे 2024 के लोक सभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं केंद्र और राज्य सरकारों के पास बढती बेरोजगारी, महगाई व भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों के जबाब नही हैं इसलिए साम्प्रदायिक मुद्दों को हवा देकर पिछले विधानसभा चुनावों की तरह ध्रुवीकरण की राजनीति कर चुनाव जीतना चाहती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिंसा के इस माहौल के कारण शांत राज्य माने जाने वाले उत्तराखंड की छवि पूरी दुनिया में बिगड़ रही है और पीढ़ियों से साथ रह रहे अलग-अलग संप्रदायों के बीच का भाई चारा खत्म करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हेट स्पीच मामले में उच्चतम न्यायालय पहले ही उत्तराखंड की खिंचाई कर चुकी है अब नैनीताल उच्च न्यायालय ने भी आज सरकार को निशाने पर लेकर जबाब मांगा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप कर दोषी को सजा दिलाने और निर्दोष को संरक्षण देने की मांग करती है।