मरचुला हादसा केवल एक त्रासदी नहीं, बल्कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल: यशपाल आर्य

मरचुला हादसा केवल एक त्रासदी नहीं, बल्कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल: यशपाल आर्य

देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि रामनगर के मरचुला में हुए इस भीषण बस हादसे में 36 से अधिक मासूम लोगों ने अपनी जान गंवाई। यह हादसा केवल एक त्रासदी नहीं है, बल्कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कभी आपदा तो कभी सड़क हादसा ये यहां के लोगों की नियति बन चुकी है। हर बार आपदा और हादसे के बाद सरकार कहती है इसकी जांच होगी और जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही होगी, लेकिन एक हफ्ते बाद ही सब मामला ठंडा पड़ जाता है।

यशपाल आर्य ने कहा कि ओवरलोड दुर्घटना का कारण हो सकता है जिसके जिम्मेदार ड्राइवर कडंक्टर से लेकर आरटीओ एआरटीओ होंगे, पर सड़कें और ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के बुरे हालातो का उत्तरदायी कौन है?

बदहाल सड़क जिसे सुधारने का जिम्मा लोक निर्माण विभाग का होता है, वो भी तब जब गड्डा मुक्त सड़क के बड़े-बड़े समाचार अखबारों में छपवाए गये हो। उन्होंने कहा कि जिस जगह बस खाई में गिर गई, अगर वहां ‘पैराफिट’ या ‘क्रैश बैरियर’ होता तो ऐसी त्रासदी से बच पाने की उम्मीद की जा सकती थी।

नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा कि क्या मर्चुला बस दुर्घटना की जिम्मेदारी क्या सिर्फ इन्ही दो अधिकारियों की ही है किसी और की नहीं। पहाड़ की सड़को की जर्जर स्थिति और उसके कारण हो रही दुर्घटनाओं की जिम्मेदार स्पष्ट रूप से राज्य सरकार है ।
उन्होंने कहा कि सवाल ये है की
1.कहाँ था प्रशासन?
2.कहाँ थे आरटीओ, एआरटीओ और अन्य परिवहन अधिकारी?
3.जर्जर परिवहन व्यवस्था को सुधारने की जिम्मेदारी किसकी?
4.क्या एक मौत की कीमत महज 4 लाख?
5.मजिस्ट्रेट जांच से क्या होगा?

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि पहाड़ी इलाकों में सड़कों के किनारे जरूरी सुरक्षा घेरे को मजबूत और दुरुस्त रखने को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। मगर विडंबना है कि हर समय चौड़ी सड़कों और विकास का राग अलापती सरकार हादसों की वास्तविक स्थितियों और वजहों से तब तक आंखें मूंदें रखती हैं, जब तक कोई बड़ा हादसा न हो जाए और लोगों की जान न चली जाए।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से मांग की कि तय समय में सड़क दुर्घटना के समस्त पहलुओं की विस्तृत जांच एवं दुर्घटना के लिए उत्तरदाई व्यक्ति, सड़क निर्माण एवं उसके संधारण के लिए उत्तरदाई विभाग के उत्तरदायित्व का निर्धारण, आपातकालीन चिकित्सा सहायता उपलब्ध ना होने की स्थिति को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करे और आमजनमानस को आश्वस्त करे की भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं की पुनरावृति ना हो।

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