उत्तराखंड में एयर ट्रैफिक कंट्रोल की कोई नियमावली नहीं, ऑटो और टैंपो की तरह संचालित हो रही हैं हैली सेवाएं

उत्तराखंड में एयर ट्रैफिक कंट्रोल की कोई नियमावली नहीं, ऑटो और टैंपो की तरह संचालित हो रही हैं हैली सेवाएं

* पैसा कमाने की होड में यात्रियों की जान जोखिम में डाली जा रही, हैली सेवा संचालन में बड़ा घोटाला: सूर्यकांत धस्माना

देहरादून। उत्तराखंड की चार धाम यात्रा अभी शुरू हुए एक महीना हो रहा है और राज्य में अब तक एक माह में चार हैली दुर्घटनाएं हो गईं हैं जिनमें चार लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं यह इसलिए हो रहा है कि पैसा कमाने की होड में चल रही आपा धापी में हैली कंपनियां नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रही हैं यह आरोप उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन व प्रशासन सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए लगाया।

उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसा लग रहा है कि हवाई सेवाओं के लिए कोई एयर ट्रैफिक कंट्रोल नियमावली हो नहीं है और जिस कंपनी का जब मन कर रहा है या उन्हें जब भी यात्री मिल रहे हैं वे तभी टेम्पो और विक्रम की तर्ज पर उड़ान भर रहे हैं। धस्माना ने कहा कि शायद हो राज्य के उड्डयन विभाग को यह पता हो को प्रतिदिन देहरादून समेत राज्य के सभी हेलीड्रॉम्स से कितने हैलीकॉप्टर संचालित हो रहे है और वे प्रतिदिन कितने बजे से कितने बजे तक कितनी उड़ानें भर रहे हैं।

धस्माना ने कहा कि यह हैली सेवा अपने आप में एक बड़ा घोटाला है और इसको सरकारी संरक्षण मिला हुआ है। श्री धस्माना ने कहा कि जहां एक तरफ इससे यात्रियों की जान जोखिम में पड़ रही है वहीं इस अंधाधुंध उड़ान प्रतिस्पर्धा से वन्य जीव भी खतरे में पड़ रहे हैं और बद्री केदार या यमुनोत्री गंगोत्री के ग्लेशियरों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। धस्माना ने कहा कि अगर राज्य सरकार ने तत्काल इस पर कड़ाई से नियंत्रण नहीं किया तो कांग्रेस इस मुद्दे पर आंदोलन के लिए मजबूर होगी।

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