ऋषिकेश। ऋषिकेश नगर निकाय की 100वीं वर्षगांठ नगर निगम प्रशासन बेहद धूमधाम के साथ मनायेगा। आगामी 9 नवंबर को ऋषिकेश नगर निकाय का शताब्दी वर्ष पूर्ण होने जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने के लिए निगम प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
इस अवसर पर निगम प्रशासन तीर्थ नगरी को दुल्हन की तरह सजाकर स्कूली बच्चों की मेराथन प्रतियोगिता के साथ खेलकूद एवं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करेगा। इस संदर्भ में निगम महापौर ने निगम अधिकारियों की मोजूदगी में शहर के बुद्विजीवियों, समाजसेवी संस्थाओं से जुड़े लोगों सहित सामाजिक एवं व्यापारिक जनप्रतिनिधियों के साथ विचार गोष्ठी की। बैठक में निकाय के शताब्दी समारोह को भव्य एवं दिव्य रूप देने के लिए विस्तृत मंत्रणा के साथ कार्यक्रम की रुपरेखा तय की गई। महापौर अनिता ममगाई ने बताया कि ब्रिटिश हकूमत के दौरान ऋषिकेश नगर निकाय वर्ष 9 नंवबर 1922 को अस्तित्व में आ गया था। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि इस एक युग को मनाने का वर्तमान बोर्ड को अवसर मिला है। ऋषिकेश नगर निकाय जोकि अपग्रेड होकर अब नगर निगम बन चुका है आगामी 9 नंवबर को अपने सौ वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। यह तीर्थ नगरी के तमाम लोगों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। निकाय के शताब्दी वर्ष को 9 नंवबर से दो दिवसीय महा महोत्सव के रूप में निगम प्रांगण में भव्यता के साथ मनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि तमाम बुद्विजीवियों से मिले सुझावों अनुसार कार्यक्रम की रूपरेखा तय कर समस्त पार्षदों को कार्यक्रम संयोजक समिति के दायित्व सौंपे गये हैं। महापौर ने जानकारी दी कि नगर आयुक्त को निकाय के शताब्दी समारोह के लिए निगम की बिल्डिंग में रंग रोगन करवाने, शहर के विभिन्न स्थानों पर लगी महापुरुषों की प्रतिमाओं ,विभिन्न महत्वपूर्ण चौराहों एवं स्थानों पर खूबसूरत लाईटिंग की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गये हैं। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य आर्कषण गढ़वाली, पंजाबी एवं भोजपुरी कार्यक्रम रहेंगे।
शिक्षाविद डा सुनील दत्त थपलियाल के संचालन में सम्पन्न हुई विचार गोष्ठी में मुख्य नगर आयुक्त राहुल गोयल, पूर्व पालिकाध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा, शिक्षाविद बंशीधर पोखरियाल, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी वेद प्रकाश शर्मा, वरिष्ठ व्यापारी नेता राजकुमार अग्रवाल, नगर उधोग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के महामंत्री प्रतीक कालिया, पार्षद गुरविंदर सिंह, देवेंद्र प्रजापति, विजय बडोनी, राकेश मिंया, मनीष बनवाल, प्रमोद शर्मा, राजकुमारी जुगलान, कमला गुनसोला, अनिता रैना, प्रदीप दुबे, पंकज शर्मा, केएस राणा जितेंद्र अग्रवाल, अजय कालरा, ज्योति सहगल, गौरव सहगल जनार्दन कैरवान, मदन कोठारी, सुनील उनियाल ,प्यारेलाल जुगरान ,गौरव कैंथोला, राजेंद्र पाण्डे ,विवेक गोस्वामी, ललित नौटियाल, रामकिशन अग्रवाल, नरेंद्र शर्मा आदि मोजूद रहे।