देवभूमि विचार मंच (प्रज्ञा प्रवाह) उत्तराखंड का दो दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण का आयोजन 14-15 सितंबर को हरिद्वार में

जे. नंदकुमार, अखिल भारतीय संयोजक (प्रज्ञा प्रवाह)

देहरादून। प्रज्ञा प्रवाह एक अखिल भारतीय मंच है जो भारत की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत की गहरी समझ और प्रशंसा को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। यह मंच भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं, जिसमें दर्शन, कला, साहित्य, अध्यात्म और सामाजिक विज्ञान शामिल हैं, से जुड़ा हुआ है और इसका उद्देश्य विद्वानों, बुद्धिजीवियों और उत्साही लोगों के लिए इन विषयों का पता लगाने और चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में काम करना है। इसकी स्थापना 1980 के दशक की शुरुआत में हुई थी। प्रज्ञा प्रवाह विभिन्न राज्य स्तरीय संगठनों के माध्यम से काम करता है। जिसके प्रत्येक राज्य में अलग-अलग नाम हैं। उत्तराखंड मे यह “देवभूमि विचार मंच” व पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे मेरठ इकाई “भारतीय प्रज्ञान परिषद” एवं ब्रज इकाई “प्रज्ञा परिषद” के नाम से संगठित है। प्रज्ञा प्रवाह की देश के विभिन्न प्रदेशों के सैकड़ों विश्वविद्यालयों में, जिला एवं मण्डल सत्र पर शाखाएं हैँ। प्रज्ञा प्रवाह नियमित रूप से प्रशिक्षण सत्र और सम्मेलन आयोजित करता है व दो वर्ष मे एक “लोक मंथन” आयोजित करता है। वर्ष 2022 में यह गुवाहाटी, असम में आयोजित किया गया था एवं इस वर्ष “लोक मंथन 2024” का आयोजन 21से 24 नवंबर तक “भाग्यनगर”मे किया जाना प्रस्तावित है।

प्रज्ञा प्रवाह द्वारा पश्चिमी उत्तरप्रदेश-उत्तराखंड के कार्यकर्ताओं के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन हरिद्वार मे किया जा रहा है।14 व 15 सितम्बर को महंत श्री प्रेम गिरी धाम,जूना अखाडा कांगड़ी हरिद्वार में आयोजित होने वाले उक्त कार्यक्रम का उद्घाटन प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे नंदकुमार जी द्वारा किया जायेगा।

प्रशिक्षण वर्ग में पश्चिम उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड क्षेत्र के लगभग 100 से ज्यादा कार्यकर्त्ता सम्मलित होने वाले हैँ। इसके अलावा प्रज्ञा प्रवाह के प्रान्त संयोजक, जिला संयोजक, विश्वविद्यालय इकाई आदि के कार्यकर्ता भी उपस्थित रहेंगे। उक्त प्रशिक्षण वर्ग को 7 सत्रों मे विभाजित किया गया है। प्रशिक्षण वर्ग का आरम्भ उद्घाटन सत्र के साथ अपराह्न 3:00बजे होगा। जिसमे जे. नंदकुमार जी का प्रशिक्षण मे आये कार्यकर्ताओ को प्रज्ञा प्रवाह की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, लक्ष्य, कार्य का क्रमिक विकास एवं स्वरूप विषय पर उद्बोधन होगा। पहले दिन कुल 3 सत्र होंगे। द्वितीय एवं तृतीय सत्र में रामाशीष सिंह, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य प्रज्ञा प्रवाह व देवराज सिंह, क्षेत्र संयोजक पश्चिम उत्तर प्रदेश द्वारा कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया जायेगा। अगले दिन 15 सितम्बर को कुल 4 सत्र आयोजित किये जायेंगे। प्रथम सत्र का प्रारम्भ रविवार प्रातः 9:00 बजे होंगा। इसमे प्रख्यात स्तम्भ लेखक विकास सारस्वत द्वारा प्रशिक्षण में आये कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया जायेगा।द्वितीय सत्र में 11:00 बजे से प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य प्रो सदानंद दामोदर स्प्रे द्वारा कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया जायेगा। प्रशिक्षण वर्ग के तृतीय सत्र में अपराह्न 2:30 बजे भगवती प्रसाद राघव, क्षेत्र संयोजक उत्तर प्रदेश -उत्तराखंड क्षेत्र,प्रशिक्षण में आये कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की जाएगी।तत्पश्चात चतुर्थ सत्र व समापन सत्र में कार्यकर्ताओं द्वारा रघुनन्दन जी,अखिल भारतीय सह संयोजक प्रज्ञा प्रवाह से प्रश्नोत्तर के साथ प्रशिक्षण वर्ग का समापन किया जायेगा।

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