आयुर्वेद विवि के कुलपति सुनील जोशी व कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा आमने-सामने। ये है मामला

आयुर्वेद विवि के कुलपति सुनील जोशी व कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा आमने-सामने। ये है मामला

दून विनर /देहरादून। मृत्युंजय मिश्रा का बहाली का आदेश क्या हुआ भाजपा के अंदर विरोध के स्वर उठने लगे हैं।

मंगलवार को मृत्युंजय मिश्रा को शासन ने सवेतन बहाल कर दिया था। उन्हें तत्काल जॉइन के आदेश दिए गए थे जिसके बाद मृत्युंजय मिश्रा ने शासन में ज्वाइन कर लिया था और अगले दिन बुधवार को आयुर्वेद विश्वविद्यालय पहुंचे इस दौरान विजिलेंस की टीम भी वहां पहुंच गई ।

विजिलेंस टीम ने आय से अधिक संपत्ति के मुकदमे को लेकर मिश्रा से पूछताछ की । इस दौरान उन्हें संपत्तियों से जुड़े कई दस्तावेज भी दिए गए जिनका मिश्रा को जवाब देना है पर कुलपति डॉ सुनील जोशी ने मिश्रा की जॉइनिंग का विरोध जताया है। कुलपति ने कहा है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ इतने मामले दर्ज हैं वह जांच को प्रभावित कर सकता है।

इन सब विरोध के बावजूद भी मृत्युंजय मिश्रा अपने कार्यालय में बैठ गए हैं और वहां पर काम निपटाना शुरू कर दिया है इस प्रकरण से भाजपा के अंदर खाने भी जोर शोर से विरोध शुरू हो गया है।

पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओ ने कहा है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ इतने मामले दर्ज हैं और इस सरकार के शासन में मिश्रा की गिरफ्तारी हुई उसी भाजपा सरकार में बहाली होने का मतलब भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है।

फिलहाल मामला मुख्यमंत्री और राज्यपाल के संज्ञान में लाया गया है। कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा और कुलपति डॉ सुनील जोशी आमने सामने आ गए हैं। आने वाले कुछ दिनो में राजनीतिक माहौल गरमाने के आसार हैं।

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