देहरादून। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को कांग्रेस के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए ठोस पहल करनी पड़ सकती है। कांग्रेस पार्टी के साथ संवादहीनता खत्म करने के लिए उन्हें खुद केंद्रीय नेतृत्व से संपर्क साधना पड़ सकता है।
कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश ने भी कहा कि किशोर उपाध्याय पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें स्वयं अपना पक्ष पार्टी नेतृत्व के समक्ष रखना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस की कमान थाम चुके किशोर उपाध्याय को बीती 12 जनवरी को पार्टी के तमाम पदों से हटा दिया गया था। भाजपा व अन्य दलों से बढ़ती नजदीकियों की वजह से नाराज होकर हाईकमान ने यह कदम उठाया था। किशोर इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश के लिए नामित किए गए वरिष्ठ पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश के सामने अपना पक्ष रख चुके हैं। किशोर का कहना है कि वह वनाधिकार आंदोलन को लेकर सभी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं।
इस सिलसिले में वार्ता के लिए केंद्रीय मंत्री और भाजपा के चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी ने उन्हें मुलाकात के लिए बुलाया था। उनका यह भी कहना है कि इस मुलाकात को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। किशोर ने अपना पक्ष भले ही पार्टी के वरिष्ठ नेता के सामने रखा हो, लेकिन पार्टी ने इसे अभी तक गंभीरता से नहीं लिया है।
देहरादून पहुंचे वरिष्ठ पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश ने पत्रकारों से बातचीत में किशोर के साथ बातचीत होने की पुष्टि की। साथ ही उन्होंने कहा कि किशोर उपाध्याय को इस संबंध में अपना पक्ष पार्टी हाईकमान के सामने रखना चाहिए। वह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के काफी नजदीक रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें संवादहीनता दूर करने के लिए स्वयं ही प्रयास करने चाहिए।