देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक एवं अन्य भर्तियों में हुई धांधली के खिलाफ बेरोजगार संघ द्वारा आज सचिवालय कूच का आह्वान किया और हजारों की तादात में बेरोजगार युवा राजधानी देहरादून की सड़कों पर उतरे और जमकर नारेबाजी की।
उत्तराखण्ड की सरकारी नौकरियों में निकल रहे एक के बाद एक घोटाले से नाराज प्रदेश के युवाओं ने सड़कों पर आंदोलन शुरू कर दिया है। आज इस क्रम में प्रदेशभर के युवाओं ने राजधानी देहरादून में जबर्दस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान युवाओं ने परेड ग्राउंड से सचिवालय तक जुलूस निकाला और सरकार से मांग की कि सरकार भर्ती घोटालों की जांच सीबीआई से कराये और जिन भी भर्तियों में घोटाला के खुलासा हुआ उन्हें रद्द किया जाए।
बताते चलें कि यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले के बाद विधानसभा में फर्जी नियुक्तियां, वन दरोगा, सचिवालय रक्षक दल, पुलिस दरोगा भर्ती, एलटी समेत कई भर्तियों में घोटाला पकड़ में आ चुका है। इसके बाद सरकार ने जहां यूकेएसएसएससी, वन दरोगा, सचिवालय रक्षक दल भर्ती की जांच एसटीएफ से करवाई है वहीं विधानसभा की भर्तियों पर भी जांच बिठाई गई है।
परंतु राज्य के बेरोजगार युवा इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं वो इन सभी भर्ती घोटालों की जांच सीबीआई से करवाए जाने और सभी भर्तियों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इस दौरान युवाओं ने ये जरूर कहा कि जिन युवाओं ने अपनी मेहनत के दम पर परीक्षाओं को पास किया है उनको न्याय मिलना चाहिए सरकार को उनको नियुक्ति देनी चाहिए। लेकिन जिन्होंने भर्ती घोटाला किया है उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
बुधवार की सुबह उत्तराखंड बेरोजगार संगठन के बैनर तले राज्यभर से विभिन्न संगठनों से जुड़े बेरोजगार परेड ग्राउंड में एकत्र हुए। प्रदर्शनकारी यहां से हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर कान्वेंट चौक, तिब्बती मार्केट, लैंसडोन चौक, कनक चौक से शिवालय के लिए रैली के रूप में निकले। इस दौरान युवाओं में आक्रोश दिखा उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुर्दाबाद के भी नारे लगे।
उत्तराखंड बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि बेरोजगारों के साथ अन्याय किया जा रहा है। अब तक विभिन्न विभागों में भर्ती घोटाले हुए जिसमें कई पार्टी से जुड़े नेता शामिल हैं। लेकिन जांच के नाम पर भी बेरोजगारों के साथ धोखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा की अब तक हुई भर्तियों की जांच और घोटाले में लिप्त आरोपितों पर सख्त कार्रवाई की जाए। बेरोजगारों की रैली को कांग्रेस, उत्तराखंड क्रांति दल, भारतीय संवैधानिक अधिकार मंच ने समर्थन दिया।
बेरोजगार संगठन की रैली में भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया था। युवाओं की भीड़ इस कदर थी कि सचिवालय कूच से युवाओं को रोकने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। जिस प्रकार आज युवाओं ने अपने अधिकारों के प्रति एकता और जागरूकता दिखाई है उससे देखकर लगता है कि भ्रष्टाचारियों की नींद अब जरुर उड़ेगी।