देहरादून। उत्तराखंड में अवैध खनन पर शुरू हुआ विवाद अब बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला IAS अधिकारियों के उस पत्र का है जिसे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान से जोड़कर देखा जा रहा है। इस पत्र में IAS एसोसिएशन ने IAS अफसरों के आत्म सम्मान की बात लिखते हुए उनके खिलाफ किसी भी तरह के बयान से बचने की नसीहत दी है। हालांकि, इस पूरे पत्र में कहीं भी संगठन ने किसी निश्चित मामले का जिक्र नहीं किया है।
पिछले दिनों दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में उत्तराखंड कैडर के IAS अफसरो का पहुंचना खास चर्चाओं में रहा। हालांकि, ये कानाफूसी काफी सीमित रही लेकिन इसके बाद तब एक बार फिर उत्तराखंड के ब्यूरोक्रेट चर्चाओं में आ गए जब पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अवैध खनन पर राज्य सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। लोकसभा में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जब अवैध खनन का मामला उठाया तो उसके फौरन बाद उत्तराखंड में सीनियर आईएएस अधिकारी और सचिव खनन बृजेश कुमार संत ने इस पर पलटवार किया।
त्रिवेंद्र वर्सेस ब्यूरोक्रेट्स में बदला विवाद
बता दे कि आईएएस अधिकारी बृजेश कुमार संत के बयान पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कुछ ऐसा कह दिया जिसकी सोशल मीडिया पर खासी चर्चाएं होने लगी। जाहिर है कि यह चर्चाएं सामने आते ही अवैध खनन से जुड़ा ये मामला त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्सेस ब्यूरोक्रेट्स में बदल गया।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के बयान की भी हो रही आलोचना
आईएएस अधिकारी द्वारा अवैध खनन पर दिए गए जवाब के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत का जो बयान सामने आया, उसको लेकर हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत की भी आलोचना हो रही है। माना जा रहा है कि एक सीनियर नेता को किसी भी आक्रामक बयान से बचना चाहिए। खासतौर पर ऐसा बयान जो किसी दूसरे व्यक्ति को आहत करता हो।