देहरादून। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने हरिद्वार में जमीन घोटाले को लेकर एक जिला अधिकारी और कई अन्य अधिकारियों के सरकारी पदों से निलंबन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बड़े अफसोस की बात है कि राज्य निर्माण आंदोलनकारियो ने जिस राज्य के आदर्श राज्य होने के सपने लेकर इस राज्य का निर्माण किया था वह देख रहे हैं कि 25 सालों में यह उत्तर प्रदेश की दूसरी कार्बन कॉपी बनकर रह गया है।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि यद्यपि भ्रष्टाचार के विरुद्ध जो कदम उठा है उसका स्वागत है परंतु लोग यहां भ्रष्टाचार करने की हिम्मत कैसे कर रहे हैं। यह बड़े अफसोस की बात है।
उन्होंने फिर भी सरकार के इस कदम को ” देर आयद दुरुस्त आयद” बताया। परंतु राज्य में खनन को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय के समेत के घेरे में आने के सवालों का राज्य सरकार से जवाब दिए जाने की भी माग की।