जहां न पहुंचे एंबुलेंस, वहां पहुंचे आसमान से उम्मीद, सरकार के प्रयासों से बदली स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर

जहां न पहुंचे एंबुलेंस, वहां पहुंचे आसमान से उम्मीद, सरकार के प्रयासों से बदली स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर

राजकुमार केसरवानी/हल्द्वानी। उत्तराखंड सरकार के निर्देशो के अनुपालन में स्वास्थ्य विभाग सुविधाओं को लेकर समय-समय पर अनूठी पहल करता रहता है। अब इस दिशा में हल्द्वानी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज से कोटाबाग सीएचसी सेंटर तक ड्रोन के माध्यम से ब्लड सैंपल और दवाओं की सफलतापूर्वक डिलीवरी की गई। यह तकनीकी सफलता न सिर्फ राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं की नई उम्मीद जगाती है बल्कि इमरजेंसी स्थितियों में जीवन रक्षक बनकर उभर सकती है।

मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार, ड्रोन ने हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से दोपहर 12:03 बजे उड़ान भरी और ठीक तय समय 12:32 बजे कोटाबाग सीएचसी सेंटर पहुंच गया, इस दौरान ड्रोन ने कुल 35 किलोमीटर की दूरी केवल 29 मिनट में तय की। परीक्षण में उपयोग किया गया ड्रोन 400 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए 5 किलोग्राम तक वजन उठाने में सक्षम है और 100 किलोमीटर तक का सफर कर सकता है।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने इस पहल को राज्य के स्वास्थ्य तंत्र के लिए एक बड़ा मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक की मदद से अब राज्य के दुर्गम और पर्वतीय इलाकों में भी समय पर दवाइयां और ब्लड सैंपल पहुंचाना संभव होगा, इससे आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी।

डॉ. जोशी ने यह भी बताया कि भविष्य में इस तकनीक के जरिए दूरस्थ क्षेत्रों से मरीजों के ब्लड सैंपल को बड़े जांच केंद्रों तक भेजा जा सकेगा, जिससे जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी और सही समय पर इलाज संभव हो सकेगा। सरकार के निर्देशो पर स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास अब स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा, इस कदम से न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोगों को तुरंत उपचार मिलना भी संभव होगा।

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