चारधाम यात्रा के साथ क्यों हो रही कोताही: दसौनी

चारधाम यात्रा के साथ क्यों हो रही कोताही: दसौनी

देहरादून। चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने राज्य सरकार और प्रशासन को आढ़े हाथों लिया है।

दसौनी ने कहा कि यह देखने में आया है कि 2024 की तुलना में 2025 की शुरुआती दौर की यात्रा में 26% यात्रियों की गिरावट आई है यह अपने आप में चिंता जनक स्थित है ,क्योंकि इस यात्रा के भरोसे उत्तराखंड के 15 से 20 लाख लोग साल भर बेसब्री से इंतजार करते हैं,यह यात्रा उनकी आजीविका और रोजी रोटी का साधन है।दसौनी ने कहा कि बहुत लंबे समय से घोड़ा खच्चरों में होने वाले बीमारी इन्फ्लूएंजा वायरस का पशुपालन विभाग और मंत्री को पता था फिर समय रहते इलाज क्यों नहीं कराया गया? लेकिन अब जब यात्रा गतिमान है तो केंद्र से टीम बुलाने की बात कही जा रही है। बीमारी की व्यापकता और पहले एक हफ्ते में ही चौदह घोड़ा खच्चरों की मौत के बाद घोड़ा खच्चरों का संचालन रोक दिया गया है,यह संचालन रोकने का मतलब है कि उच्च हिमालय चोटियों में बसे हमारे चारों धामों में राशन, खाद्यान्न, प्रसाद, पूजन सामग्री बुजुर्ग यात्री इत्यादि को पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। दसोनी ने कहा जिस तरह से हेलीकॉप्टर क्रैश में सात लोगों के मारे जाने की खबर आ रही है वह भी अपने आप में बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

गरिमा ने कहा की केदारनाथ धाम में डीजे का लाउड म्यूजिक चलाया जा रहा है और भौंडा नृत्य हो रहा है जो कि हमारे सनातन परंपरा के बिल्कुल विरुद्ध है और तो और जिस तरह से ऊंची ध्वनि में गाने चलाए जा रहे हैं वह कहीं ना कहीं साउंड पॉल्यूशन को बढ़ावा दे रहे हैं।

केदारनाथ धाम उच्च हिमालय चोटी पर स्थित है वहां वाइब्रेशन से होने वाला खतरा दोगुना बढ़ जाता है इतने संवेदनशील इलाके में इस तरह के म्यूजिक सिस्टम ले जाने की इजाजत प्रशासन क्यों दे रहा है?गरिमा ने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर चार धाम यात्रा के प्रति और गंभीरता और मुस्तैदी की जरूरत है।

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