दून विनर/देहरादून
लैंसडौन वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह के लिखे पत्र से वन महकमे में हड़़कंप मचा है। पत्र में कैंपा के ढाई करोड़ रुपए का गलत इस्तेमाल के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है। पत्र मिलने के बाद पीसीसीएफ विनोद सिंघल ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए है।ं
उल्लेखनीय है कि डीएफओ दीपक सिंंह को अवैध खनन के आरोप में कुछ दिन पहले वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने लैंसडौेन वन प्रभाग से हटा कर वन मुख्यालय अटैच करने के आदेश दिए, हालांकि डीएफओ ने कार्यभार नहीं छोड़ा पर उसके बाद उन्होंने महकमे के हैड को पत्र देकर
खुद को राजनैतिक कोप का शिकार बताया है।
प्रभागीय वनाधिकारी ने पत्र में कहा कि उन्होंने कैम्पा फंड की ढाई करोड़ की राशि को नियम विरुद्ध भुगतान करने से मना करने के साथ नियम विरुद्ध कराए जा रहे निर्माण कार्यों को रुकवाया और अवैध खनन के विरुद्ध लगातार कार्यवाही की है। उन्होंने राजनीतिक लोगों द्वारा कराए जा रहे अवैध खनन का भी जिक्र किया है।
विभाग के गले की फांस बन रहे इस मामले में हकीकत ये है कि बिना किसी जांच के ही डीएफओ दीपक सिंह को हटाने के आदेश हुए जबकि इस तरह के मामलों में पहले आरम्भिक जांच की जाती है। लैंसडौन वन प्रभाग में पांच सालों के भीतर किसी डीएफओ के तबादले का यह पांचवां मामला है। इससे पहले भी वन प्रभाग में राजनैतिक हस्तक्षेप के आरोप अक्सर लगे हैं। अब ताजा मामले में आशंका है कि कहीं प्रभागीय वनाधिकारी को नियमों के पालन कराने को लेकर अपने कड़क रुख के चलते कीमत न चुकानी पड़े।