नि. महापौर अनिता ममगाईं ने श्रमिक दिवस पर श्रमिकों को किया सम्मानित

नि. महापौर अनिता ममगाईं ने श्रमिक दिवस पर श्रमिकों को किया सम्मानित

* श्रमिकों के बिना किसी भी देश का विकास असंभव, श्रमिकों का भी होना चाहिए विकास: अनीता ममगाईं

* पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 31 विभिन्न व्यवसायों से जुड़े कुल 1.77 करोड़ से अधिक असंगठित कामगारों को ईश्रम पोर्टल में पंजीकृत किया गया है: अनिता ममगाईं

ऋषिकेश। नि. महापौर अनीता ममगाईं ने बुधवार को ग्रामीण क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर ऋषिकेश क्षेत्र के श्रमिकों को सम्मानित किया। ऋषिकेश क्षेत्र के श्रमिकों को शॉल और पटका पहना कर उनको सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा श्रमिक दिवस श्रमिक समूह की कड़ी मेहनत और उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। श्रमिकों के बिना हम विकास नहीं कर सकते लेकिन श्रमिकों का भी विकास होना चाहिए। हमें उनका ख्याल रखना होगा।

उन्होंने कहा आज हम देखते श्रमिक नहीं मिल पा रहे हैं काम करने के लिए, ऐसे में आने वाले समय के लिए यह हमारे लिए बड़ी चुनौती बन कर सामने आएगी। आधारभूत ढाँचे को मजबूती प्रदान करने और उसमें निचले स्तर पर काम करने में श्रमिकों का अहम योगदान होता है। राज्य सरकार द्वारा लेबर कार्ड बनाकर जरूरतमंदों तक अनेक जन कल्याणकारी योजनाओं को श्रमिकों तक पहुंच रही है। श्रमिक दिवस एक ऐसा दिन है जो पूरी तरह से श्रमिक वर्ग को समर्पित है। कई देश इस दिन को अलग-अलग दिन मनाते हैं। हालाँकि, अधिकांश देशों में, यह दिन 1 मई को होता है जो अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस होता है।

उन्होंने कहा, केंद्र सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के 2023 में जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार इस संबंध में, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने असंगठित श्रमिकों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करने के लिए ईश्रम पोर्टल विकसित किया है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के माध्यम से जीवन और दिव्यंगता कवर प्रदान किया जाता है। इन योजनाओं के अलावा, कुछ और योजनाएं उपलब्ध हैं। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई), अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (एबीवीकेवाई) के तहत बेरोजगारी लाभ, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान (पीएमजीकेआरए), राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (डीडीयू-जीकेवाई), प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान (पीएम-जीकेआरए), प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना (पीएम केएमडीवाई), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि अन्य योजनाओं के डेटा के साथ ईश्रम डेटा का मिलान भी किया गया है। यह पाया गया है कि ईश्रम डेटा (28.97 करोड़ से अधिक) में से 20.63 करोड़ पहले से ही वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) का लाभ उठा रहे हैं, 11.26 करोड़ आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजय) में पंजीकृत हैं, 3.82 करोड़ पीएम-किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) में पंजीकृत हैं और 4.63 करोड़ लाभार्थी पीएम-उज्ज्वला योजना में पंजीकृत हैं।पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 31 विभिन्न व्यवसायों से जुड़े कुल 1.77 करोड़ से अधिक असंगठित कामगारों को ईश्रम पोर्टल में पंजीकृत किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस क्यों मनाया जाता है? ये असल में मजदूरों के प्रति, उनके अधिकारों के प्रति आम लोगों और खुद मजदूरों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। दरअसल, इस दिन की शुरुआत भी ऐसे ही हुई थी, जब साल 1886 में मजदूरों ने लगातार 15-15 घंटे काम करने से मना कर दिया था। हर साल मजदूर दिवस की एक खास थीम होती है, इस साल ये थीम ensuring workplace safety and health amidst climate change, यानी जलवायु परिवर्तन के बीच काम की जगह पर श्रमिकों की सेहत और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। देश में मजदूर दिवस (Labour day 2024 India) को मनाने की शुरुआत सबसे पहले चेन्नई में साल 1923 में हुई थी। इस दिन को मनाने की शुरुआत सबसे पहले लेफ्ट पार्टी (द लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान) ने की थी। फिर देश के कई अन्य मजदूर संगठनों ने भी इस दिन को मनाने की शुरुआत कर दी। जिसके बाद हर साल 01 मई को भारत में भी मजदूर दिवस मनाया जाता है, इस दिन कई राज्यों में पब्लिक हॉलिडे भी होता है।

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