वेटर बनकर चीन गए थे देव रतूड़ी, आज बने चीनी चलचित्र के स्टार

वेटर बनकर चीन गए थे देव रतूड़ी, आज बने चीनी चलचित्र के स्टार

दून विनर संवाददाता/ देहरादून।

टिहरी के देव रतूड़ी ने देश के साथ ही चीन में भी अपने हुनर का डंका बजाया है। देव की संघर्ष भरी जीवन यात्रा को प्रेरक कहानी के रूप में चीन  के  सातवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। बच्चे उनके जीवन पर आधारित कहानी को स्कूली किताब में पढ़ रहे हैं। देव रतूड़ी का पैतृक गांव भिलंगना ब्लाक की पट्टी केमर का केमरया सौड़ है। मीडिया में आई खबर के मुताबिक इन दिनों वे अपने पैतृक गांव आए हुए हैं।

देव बीते 18 वर्ष से पत्नी अंजलि व दो बच्चों के साथ चीन में रह रहे हैं। इस दौरान उन्होने 35 से अधिक चाइनीज फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ी है। देव भारत से चीन वेटर की नौकरी के लिए गए थे लेकिन आज वो वहां के दिग्गज सितारों में गिने जाते हैं। अब उनकी इच्छा भारतमें भी फिल्मों में काम करने की है।
47 वर्षीय देव रतूड़ी की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज चमियाला (लाटा) में हुई। दसवीं की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 1998 में देव रोजगार की तलाश में दिल्ली चले गए। मन में एक्टर बनने की चाह थी, इसलिए सबसे पहले उन्होंने वहां मार्शल आर्ट सीखी। कुछ समय दिल्ली में रहने के बाद फिर उन्होंने मुंबई की राह पकड़ ली। लगभग आठ वर्ष उन्होंने मुंबई में रहकर होटल की नौकरी करने के साथ कुछ टीवी सीरियल और नाटकों में भी काम किया।

देव रतूड़ी ने वर्ष 2013 में चीन में पहला इंडियन रेस्टोरेंट खोला था। वर्तमान में वह आठ रेस्टोरेंट के मालिक हैं, जिनमें उत्तराखंड के तीन दर्जन लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। वर्तमान में देव की पहचान चीन के उद्योगपतियों में होती है, जो टिहरी जिले के साथ ही उत्तराखंड एवं देश के लिए गौरव की बात है।

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